नई दिल्ली
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने शुक्रवार को अपने एक प्राध्यापिका को परिसर में विद्यार्थियों की एक बैठक को संबोधित करने पर नोटिस भेजा है। प्राध्यापिका ने दो दिन पहले परिसर में ऐडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक के पास विद्यार्थियों की इस बैठक में हिस्सा लिया था। अंतर्राष्ट्रीय अंध्ययन केंद्र (SIS) में तुलनात्मक राजनीति एवं राजनीतिक विचार की प्राध्यापिका निवेदिता मेनन को विश्वविद्यालय प्रशासन ने नोटिस भेजकर चेतावनी दी है।
निवेदिता ने विश्वविद्यालय के 12 विद्यार्थियों को निलंबित करने के विरोध में बुधवार को बुलाई गई इस बैठक में कई अन्य प्राध्यापकों के साथ हिस्सा लिया था। निवेदिता को भेजे गए नोटिस में लिखा है, 'आपने प्रशासनिक भवन के पास 28 दिसंबर को शाम 4.15 बजे विद्यार्थियों के एक समूह को संबोधित किया। यह विश्वविद्यालय के नियमों का स्पष्टत: उल्लंघन है।' विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस नोटिस में आगे लिखा है कि उस जगह किसी भी तरह के घेराव या किसी भी तरह से विरोध प्रदर्शन करने पर सख्त पाबंदी है, क्योंकि इससे प्रशासनिक भवन में कार्यालयी कामकाज बाधित होता है।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों की एक सीमा में इजाजत है, वह भी प्रशासनिक भवन से 200 मीटर दूर। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीते सोमवार को बिरसा-अंबेडकर-फुले विद्यार्थी संघ (बापसा), स्टूडेंट्स फॉर स्वराज (SFS), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन (DSU) और यूनाइटेड ओबीसी फ्रंट के 12 सदस्यों को अकादमिक परिषद की बैठक को बाधित करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने शुक्रवार को अपने एक प्राध्यापिका को परिसर में विद्यार्थियों की एक बैठक को संबोधित करने पर नोटिस भेजा है। प्राध्यापिका ने दो दिन पहले परिसर में ऐडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक के पास विद्यार्थियों की इस बैठक में हिस्सा लिया था। अंतर्राष्ट्रीय अंध्ययन केंद्र (SIS) में तुलनात्मक राजनीति एवं राजनीतिक विचार की प्राध्यापिका निवेदिता मेनन को विश्वविद्यालय प्रशासन ने नोटिस भेजकर चेतावनी दी है।
निवेदिता ने विश्वविद्यालय के 12 विद्यार्थियों को निलंबित करने के विरोध में बुधवार को बुलाई गई इस बैठक में कई अन्य प्राध्यापकों के साथ हिस्सा लिया था। निवेदिता को भेजे गए नोटिस में लिखा है, 'आपने प्रशासनिक भवन के पास 28 दिसंबर को शाम 4.15 बजे विद्यार्थियों के एक समूह को संबोधित किया। यह विश्वविद्यालय के नियमों का स्पष्टत: उल्लंघन है।' विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस नोटिस में आगे लिखा है कि उस जगह किसी भी तरह के घेराव या किसी भी तरह से विरोध प्रदर्शन करने पर सख्त पाबंदी है, क्योंकि इससे प्रशासनिक भवन में कार्यालयी कामकाज बाधित होता है।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों की एक सीमा में इजाजत है, वह भी प्रशासनिक भवन से 200 मीटर दूर। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीते सोमवार को बिरसा-अंबेडकर-फुले विद्यार्थी संघ (बापसा), स्टूडेंट्स फॉर स्वराज (SFS), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन (DSU) और यूनाइटेड ओबीसी फ्रंट के 12 सदस्यों को अकादमिक परिषद की बैठक को बाधित करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
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