नई दिल्ली
सेंटर फॉर सायेंस ऐंड इन्वाइरनमेंट (सीएसई) ने पलूशन को लेकर फिर चिंता जताई है। तापमान में गिरावट आने और हवाओं की रफ्तार कम होने के कारण पलूशन लेवल एक बार फिर इमरजेंसी लेवल पर पहुंच रहा है।
सीएसई के मुताबिक, पलूशन को रोकने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स ऐक्शन प्लान लागू करने में देरी होने से पब्लिक हेल्थ पर रिस्क बढ़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत इस एक्शन प्लान के नोटिफिकेशन को लागू करने में देरी की गई, तो इससे हेल्थ इमरजेंसी के हालत और भी बिगड़ सकते हैं। दिवाली के बाद स्मॉग वाला मौसम रहा। उन दिनों स्मॉग और पलूशन को बढ़ाने में कई सोर्स जिम्मेदार थे। अब एक बार फिर पलूशन बढ़ रहा है।
सीएसई ने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ इन्वाइरनमेंट, फॉरेस्ट ऐंड क्लाइमेट चेंज को इन्वाइरनमेंट के कानून के तहत ग्रेडेड ऐक्शन प्लान को नोटिफाई करना चाहिए। आने वाले दिनों में सर्दियों में हालात और बिगड़ सकते हैं। पलूशन के डेटा के विश्लेषण के तहत दिसंबर दूसरे हफ्ते के बाद कई दिन बेहद खतरनाक और इमरजेंसी कैटिगरी में पलूशन दर्ज हुआ है।
गुरुवार को इमरजेंसी कैटिगरी में पलूशन रिकॉर्ड किया गया। सेंटर का कहना है कि इस तरह के हालात से बचने के लिए जल्द ही कोई प्लान लागू किया जाना चाहिए। दिल्ली सरकार की तरफ से मोटराइजेशन की स्टैटिस्टिकल हैंडबुक रिलीज की गई है। इसमें बताया गया है कि दिल्ली में गाड़ियों की संख्या को काबू में नहीं किया गया तो इससे होने वाले पलूशन, टॉक्सिक एक्सपोजर को रोका नहीं जा सकेगा।
सेंटर फॉर सायेंस ऐंड इन्वाइरनमेंट (सीएसई) ने पलूशन को लेकर फिर चिंता जताई है। तापमान में गिरावट आने और हवाओं की रफ्तार कम होने के कारण पलूशन लेवल एक बार फिर इमरजेंसी लेवल पर पहुंच रहा है।
सीएसई के मुताबिक, पलूशन को रोकने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स ऐक्शन प्लान लागू करने में देरी होने से पब्लिक हेल्थ पर रिस्क बढ़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत इस एक्शन प्लान के नोटिफिकेशन को लागू करने में देरी की गई, तो इससे हेल्थ इमरजेंसी के हालत और भी बिगड़ सकते हैं। दिवाली के बाद स्मॉग वाला मौसम रहा। उन दिनों स्मॉग और पलूशन को बढ़ाने में कई सोर्स जिम्मेदार थे। अब एक बार फिर पलूशन बढ़ रहा है।
सीएसई ने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ इन्वाइरनमेंट, फॉरेस्ट ऐंड क्लाइमेट चेंज को इन्वाइरनमेंट के कानून के तहत ग्रेडेड ऐक्शन प्लान को नोटिफाई करना चाहिए। आने वाले दिनों में सर्दियों में हालात और बिगड़ सकते हैं। पलूशन के डेटा के विश्लेषण के तहत दिसंबर दूसरे हफ्ते के बाद कई दिन बेहद खतरनाक और इमरजेंसी कैटिगरी में पलूशन दर्ज हुआ है।
गुरुवार को इमरजेंसी कैटिगरी में पलूशन रिकॉर्ड किया गया। सेंटर का कहना है कि इस तरह के हालात से बचने के लिए जल्द ही कोई प्लान लागू किया जाना चाहिए। दिल्ली सरकार की तरफ से मोटराइजेशन की स्टैटिस्टिकल हैंडबुक रिलीज की गई है। इसमें बताया गया है कि दिल्ली में गाड़ियों की संख्या को काबू में नहीं किया गया तो इससे होने वाले पलूशन, टॉक्सिक एक्सपोजर को रोका नहीं जा सकेगा।
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