विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
मार्कशीट देख कर लाखों रुपयों का लोन देने के बहाने 500 से ज्यादा लोगों से चीटिंग के केस में 6 मुलजिमों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने रिलांयस और बजाज से मिलते-जुलते नामों से कंपनियों के नाम रखकर लोगों को झांसे में फंसाया था।
मयूर विहार में रहने वाली सुषमा ने विज्ञापन में देखा कि ‘रिलायंस कैपिटल फाइनैंस लिमिटेड’ नामक कंपनी मार्कशीट देख कर लोन दे देती है। उन्होंने उस कंपनी के नंबर पर कॉल कर 4 लाख रुपये के लोन के लिए बात की। उनसे 5400 रुपये इंश्योरेंस फीस के बहाने और 22,500 रुपये लोन अप्रूवल के लिए बैंक खातों में जमा करा लिए गए। उनसे और रकम की डिमांड की गई। सुषमा ने शक होने पर पुलिस को कंप्लेंट दी।
डीसीपी ईस्ट ओमवीर सिंह के मुताबिक, तहकीकात में जानकारी मिली कि रिलायंस और बजाज के नाम पर काल्पनिक फाइनेंस कंपनियों का नामकरण कर यह चीटिंग की जा रही थी। लोन लेने वाले लोगों से जिन बैंक खातों में रकम जमा कराई जाती थी, वह फर्जी आईडी प्रूफ पर खुलवाए गए थे। ये अकाउंट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नैशनल बैंक में हैं। इन मुलजिमों ने 1800 सीरीज का टोल फ्री नंबर भी लिया हुआ था।
डीसीपी ने बताया कि छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनके नाम हैं-दीपक शर्मा निवासी जयपुर, राजेश कुमार निवासी कंझावला, राजकुमार निवासी कर्मपुरा, अनुज बालियान निवासी मुजफ्फरनगर, विकास निवासी नांगलोई और नीरज शर्मा निवासी नांगलोई। दीपक कस्टमर्स से फोन पर बात करता था।
मार्कशीट देख कर लाखों रुपयों का लोन देने के बहाने 500 से ज्यादा लोगों से चीटिंग के केस में 6 मुलजिमों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने रिलांयस और बजाज से मिलते-जुलते नामों से कंपनियों के नाम रखकर लोगों को झांसे में फंसाया था।
मयूर विहार में रहने वाली सुषमा ने विज्ञापन में देखा कि ‘रिलायंस कैपिटल फाइनैंस लिमिटेड’ नामक कंपनी मार्कशीट देख कर लोन दे देती है। उन्होंने उस कंपनी के नंबर पर कॉल कर 4 लाख रुपये के लोन के लिए बात की। उनसे 5400 रुपये इंश्योरेंस फीस के बहाने और 22,500 रुपये लोन अप्रूवल के लिए बैंक खातों में जमा करा लिए गए। उनसे और रकम की डिमांड की गई। सुषमा ने शक होने पर पुलिस को कंप्लेंट दी।
डीसीपी ईस्ट ओमवीर सिंह के मुताबिक, तहकीकात में जानकारी मिली कि रिलायंस और बजाज के नाम पर काल्पनिक फाइनेंस कंपनियों का नामकरण कर यह चीटिंग की जा रही थी। लोन लेने वाले लोगों से जिन बैंक खातों में रकम जमा कराई जाती थी, वह फर्जी आईडी प्रूफ पर खुलवाए गए थे। ये अकाउंट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नैशनल बैंक में हैं। इन मुलजिमों ने 1800 सीरीज का टोल फ्री नंबर भी लिया हुआ था।
डीसीपी ने बताया कि छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनके नाम हैं-दीपक शर्मा निवासी जयपुर, राजेश कुमार निवासी कंझावला, राजकुमार निवासी कर्मपुरा, अनुज बालियान निवासी मुजफ्फरनगर, विकास निवासी नांगलोई और नीरज शर्मा निवासी नांगलोई। दीपक कस्टमर्स से फोन पर बात करता था।
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