Sunday, December 25, 2016

2017 में सोलर से जगमगाएगी दिल्ली

दिल्ली के लोगों के लिए हमेशा से ही सबसे बड़ा मुद्दा बिजली व पानी रहता है। बिजली के मुद्दे ने ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बना दी। 2017 से दिल्ली के उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई में नया बदलाव देखने को मिलेगा। उपभोक्ताओं को कई नई सर्विस मिल सकती है। चाहे दिल्ली में पावर की उपलब्धता हो या फिर डायरेक्ट कंज्यूमर सर्विस, 2017 के लिए हर स्तर पर नया बदलाव देखने को मिलेगा। दिल्ली के पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को और भी मजबूती दी जाएगी। इसके साथ ही नए साल में उपभोक्ताओं को बिजली की दर झटका दे सकती है। पावर जेनरेशन को लेकर 2016 में दिल्ली को झटके भी लगे, लेकिन पावर की दिक्कत कभी नहीं हुई।

2016 में एनजीटी ने दिया झटका
दिल्ली के पावर जेनरेशन सिस्टम को 2016 में एनजीटी ने बड़ा झटका दिया। दिल्ली में ज्यादातर पावर हाउस में बिजली उत्पादन कोयले से ही किया जाता है। ऐसे में यहां का प्रदूषण स्तर लगातार बढ़ रहा था। इसके बाद नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और दिल्ली सरकार ने कोयले वाले जेनरेशन प्लांट को बंद करने का निर्णय लिया। इस निर्णय के तहत राजघाट पावर प्लांट पिछले 6 महीने से अधिक से बंद पड़ा है। इसके अलावा बदरपुर एनटीपीसी पावर प्लांट को भी बंद करने का निर्णय लिया गया था। फिलहाल इस पावर प्लांट में बिजली उत्पादन न के बराबर हो रहा है, लेकिन अभी इस प्लांट को बंद करने की घोषणा औपचारिक रूप से नहीं हुई है। सवाल उठता है कि दिल्ली के दो पावर जेनरेशन पावर प्लांट के बंद हो जाने से 2017 में कहीं दिल्लीवासियों को पावर कटौती का सामना न करना पड़े। पावर डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि बिजली उपलब्धता भरपूर मात्रा में है।

सोलर पॉलिसी लगाएगी दिल्ली की नैया पार
प्लांट के बंद होने के बाद भी दिल्ली में पावर उपलब्धता में कोई कमी न आए इसके लिए सोलर पॉलिसी तैयार की गई है। इस साल सोलर पॉलिसी पर ज्यादा काम तो नहीं हो पाया क्योंकि इस साल टेंडरिंग प्रक्रिया ही चलती रही। ऐसे में 2017 में इस पॉलिसी पर काम शुरू होने की उम्मीद है। 2017 में सोलर पॉलिसी ही दिल्ली की नैया को पार लगा सकती है। पॉलिसी में कहा गया है कि सभी नई सरकारी बिल्डिंग में सोलर सिस्टम अनिवार्य होगा जबकि पुरानी बिल्डिंग में भी इसे लगवाने की कोशिश की जाएगी। 200 केवी तक के सोलर प्लांट पर वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी। इससे तैयार होने वाली बिजली को दिल्ली सरकार खरीदेगी। पूरी प्रक्रिया के लिए आईपीजीसीएल को नोडल एजेंसी बनाया गया है। छत पर सोलर प्लांट लगाने के लिए भी सरकार ने 2 मीटर की ऊंचाई तक छूट का प्रावधान किया है। इस पॉलिसी के तहत 2017 में कुछ पावर जेनरेशन शुरू होने की उम्मीद है। सरकार का टारगेट है कि आने वाले 5 साल में 1000 मेगावॉट बिजली का उत्पादन सोलर सिस्टम के तहत ही किया जाए।

डिस्कॉम का सिस्टम होगा डिजिटल
देशभर में चल रही डिजिटल इंडिया की क्रांति से बिजली उपभोक्ता भी अछूते नहीं रहेंगे। 2017 में बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां पूरी तरह डिजिटल हो जाएंगी। उपभोक्ताओं को किसी भी काम के लिए बिजली दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। मोबाइल ऐप की मदद से ही उपभोक्ता घर बैठे अपना काम करवा सकेंगे। इसके अलावा अडवांस मीटरिंग सिस्टम प्रॉजेक्ट पर भी काम किया जाएगा। जिसके तहत प्रीपेड मीटर, स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर में रिमोट मीटर डेटा रीडिंग, टाइम ऑफ डे मॉनिटरिंग, प्रीपेड रिचार्ज, मीटर सिक्यॉरिटी फीचर से लैस होंगे ताकि कोई भी बाहर से मीटर में छेड़छाड़ कर ही न सकें। ऐसे में ऐप पर ही उपभोक्ताओं को खपत की डिटेल मिल सकेगी। इसके अलावा ऐप पर ही पीक लोड मैनेजमेंट, टैरिफ, बिजली का बिल और इंसेंटिव की जानकारी होगी।

महंगी बिजली का झटका भी लग सकता है
2017 में तमाम सुविधाओं के साथ बिजली की दरें उपभोक्ताओं को झटका भी दे सकती है। डिस्कॉम की दिल्ली इलेक्ट्रासिटी रेग्युलेटरी कमिशन पर टैरिफ की दर बढ़ाने को लेकर पिटिशन दायर की हुई है। इसको लेकर कई बार सुनवाई भी हुई, लेकिन अभी सुनवाई नतीजे पर नहीं पहुंची है। लगातार कमिशन में इसकी सुनवाई को लेकर डेट आगे बढ़ रही है। ऐसे में 2017 में इस मामले में नतीजा आने की उम्मीद रहेगी। अगर फैसला डिस्कॉम कंपनियों के पक्ष में जाता है तो उपभोक्ताओं को अपनी जेब अधिक ढीली करनी होगी। इससे दिल्ली सरकार को भी झटका लग सकता है क्योंकि सरकार बिजली दरों को बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। क्योंकि बिजली के मुद्दे पर ही आप दिल्ली में सरकार बना पाई। ऐसे में कमिशन के फैसले पर सभी की नजर है।

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