नई दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शहर की सरकार को निर्देश दिया कि वह साल 2009 में एक तेजाब हमले में घायल हुई एक पीड़िता को इलाज मुहैया करे। न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने कहा कि दिल्ली सरकार को यहां एक निजी अस्पताल में पीड़िता के इलाज के लिए विशेष सुविधा मुहैया करनी चाहिए, क्योंकि कुछ सुविधाएं एलएनजेपी अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार का कर्तव्य है कि वह तेजाब हमले की पीड़िता को मुफ्त इलाज मुहैया करे। अदालत ने महिला की याचिका पर दिल्ली सरकार और दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से जवाब भी मांगा। याचिका में उसने अपने पुनर्वास और मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग की है।
पीठ ने कहा कि तेजाब हमले की पीड़िता को मुआवजा योजना के तहत इलाज के लिए सात लाख रुपये दिए जाने की सीमा मनमानी और अतार्किक है, क्योंकि पीड़िता गंभीर रूप से घायल हुई थी। इसी पीठ के समक्ष एक अन्य पीड़िता की याचिका पर अदालत ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह 29 वर्षीय महिला को अनुकंपा के आधार पर रोजगार प्रदान करे।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शहर की सरकार को निर्देश दिया कि वह साल 2009 में एक तेजाब हमले में घायल हुई एक पीड़िता को इलाज मुहैया करे। न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने कहा कि दिल्ली सरकार को यहां एक निजी अस्पताल में पीड़िता के इलाज के लिए विशेष सुविधा मुहैया करनी चाहिए, क्योंकि कुछ सुविधाएं एलएनजेपी अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार का कर्तव्य है कि वह तेजाब हमले की पीड़िता को मुफ्त इलाज मुहैया करे। अदालत ने महिला की याचिका पर दिल्ली सरकार और दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से जवाब भी मांगा। याचिका में उसने अपने पुनर्वास और मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग की है।
पीठ ने कहा कि तेजाब हमले की पीड़िता को मुआवजा योजना के तहत इलाज के लिए सात लाख रुपये दिए जाने की सीमा मनमानी और अतार्किक है, क्योंकि पीड़िता गंभीर रूप से घायल हुई थी। इसी पीठ के समक्ष एक अन्य पीड़िता की याचिका पर अदालत ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह 29 वर्षीय महिला को अनुकंपा के आधार पर रोजगार प्रदान करे।
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