नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में अक्सर लोगों को रेल पटरियों पर बैठ शौच करते देखा जाता है, लेकिन पिछले एक महीने से नई दिल्ली के रेलवे ट्रैक पर लोग शौच के लिए नहीं जा रहे हैं। वे अपने ही घरों में शौच करते हैं। इसका कारण है 'स्वच्छ सेवक'।
रेल की पटरियों पर यह 'स्वच्छ सेवक' मस्कट लोगों को शौच नहीं करने देता। उन्हें शौच करने से मनाही करता है और घर के शौचालय का प्रयोग करने की सलाह भी देता है। अगर किसी के घर में शौचालय नहीं है तो इसकी जानकारी मस्कट नगरपालिका को देता है।
'स्वच्छ सेवक' के इन कार्यों की सराहना भारत सरकार ने भी की। कल नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) को सरकार ने खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। हालांकि, एनडीएमसी को यह कामयाबी पिछले एक वर्ष के दौरान चलाए गए स्वच्छता अभियान, स्मार्ट टॉइलट और स्लम एरिया में साफ-सफाई के बदले में मिला है। लेकिन इस उपलब्धि में रेलवे की पटरियों पर दिनभर लोगों को शौच से मनाही करने वाले मस्कट 'स्वच्छ सेवक' को भी श्रेय दिया गया है।
दिसबंर के पहले सप्ताह में केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू एनडीएमसी को इस उपलब्धि पर सम्मानित भी करने वाले हैं। एनडीएमसी के अलावा सरकार ने 18 राज्यों के करीब 400 शहरों को ओडीएफ (ओपन डिफेकेशन फ्री) सर्टिफिकेट देने की घोषणा की है।
एनडीएमसी के पब्लिक हेल्थ विभाग के इन्चार्ज डॉ. पीके शर्मा बताते हैं कि परिषद ने स्वच्छता अभियान को गंभीरता से जन-जन तक पहुंचाया है। नई दिल्ली में जहां स्थायी शौचालय नहीं बन सकते, वहां परिषद ने मोबाइल टॉइलट शुरू किए। इसके अलावा हाल ही में तैयार स्मार्ट टॉइलेट लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। डॉ. शर्मा ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर पिछले काफी समय से उनके विभाग की टीम सुबह-शाम तैनात है। एक ओर 'स्वच्छ सेवक' लोगों को शौच करने से रोकता है। वहीं, अन्य कर्मचारी ट्रैक के आसपास कचरा उठा रहे हैं।
राजधानी दिल्ली में अक्सर लोगों को रेल पटरियों पर बैठ शौच करते देखा जाता है, लेकिन पिछले एक महीने से नई दिल्ली के रेलवे ट्रैक पर लोग शौच के लिए नहीं जा रहे हैं। वे अपने ही घरों में शौच करते हैं। इसका कारण है 'स्वच्छ सेवक'।
रेल की पटरियों पर यह 'स्वच्छ सेवक' मस्कट लोगों को शौच नहीं करने देता। उन्हें शौच करने से मनाही करता है और घर के शौचालय का प्रयोग करने की सलाह भी देता है। अगर किसी के घर में शौचालय नहीं है तो इसकी जानकारी मस्कट नगरपालिका को देता है।
'स्वच्छ सेवक' के इन कार्यों की सराहना भारत सरकार ने भी की। कल नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) को सरकार ने खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। हालांकि, एनडीएमसी को यह कामयाबी पिछले एक वर्ष के दौरान चलाए गए स्वच्छता अभियान, स्मार्ट टॉइलट और स्लम एरिया में साफ-सफाई के बदले में मिला है। लेकिन इस उपलब्धि में रेलवे की पटरियों पर दिनभर लोगों को शौच से मनाही करने वाले मस्कट 'स्वच्छ सेवक' को भी श्रेय दिया गया है।
दिसबंर के पहले सप्ताह में केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू एनडीएमसी को इस उपलब्धि पर सम्मानित भी करने वाले हैं। एनडीएमसी के अलावा सरकार ने 18 राज्यों के करीब 400 शहरों को ओडीएफ (ओपन डिफेकेशन फ्री) सर्टिफिकेट देने की घोषणा की है।
एनडीएमसी के पब्लिक हेल्थ विभाग के इन्चार्ज डॉ. पीके शर्मा बताते हैं कि परिषद ने स्वच्छता अभियान को गंभीरता से जन-जन तक पहुंचाया है। नई दिल्ली में जहां स्थायी शौचालय नहीं बन सकते, वहां परिषद ने मोबाइल टॉइलट शुरू किए। इसके अलावा हाल ही में तैयार स्मार्ट टॉइलेट लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। डॉ. शर्मा ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर पिछले काफी समय से उनके विभाग की टीम सुबह-शाम तैनात है। एक ओर 'स्वच्छ सेवक' लोगों को शौच करने से रोकता है। वहीं, अन्य कर्मचारी ट्रैक के आसपास कचरा उठा रहे हैं।
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