नई दिल्ली
केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी के सिलसिले में कराए जा रहे सर्वे को आम आदमी पार्टी ने सिरे से नकार दिया है। पार्टी का कहना है कि देश में लोग मर रहे हैं और सरकार अपने गलत कदम को सही साबित करने में लगी हुई है। पार्टी का आरोप है कि नोटबंदी की आड़ में यह आजाद भारत का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है और आम आदमी पार्टी इसे पूरे देश के सामने लाकर रहेगी।
यही वजह है कि आम आदमी पार्टी ने यह तय किया है कि दिल्ली के हर विधानसभा क्षेत्र में जनआक्रोश रैली निकाली जाएगी। इसमें पार्टी के लोगों के अलावा आम जनता को भी शामिल किया जाएगा और इसके जरिए मोदी के फैसले को गलत ठहराने की कोशिश होगी।
आम आदमी पार्टी के कोआॅर्डिनेटर दीपक बाजपेई ने बताया कि केंद्र सरकार के सर्वे को कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि अखबारों में आएदिन ये खबरें आती रहती हैं कि पैसा निकालने के चक्कर में लोग घंटों लाइन में खड़े होने को मजबूर हैं। कई लोगों की मौत हो चुकी है।
दीपक के मुताबिक, 'केंद्र सरकार का फैसला गलत है और इसे जनता पर नहीं थोपना चाहिए।इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई बताना भी गलत है। मोदी के इस फरमान के बाद हर छोटा—बड़ा व्यापारी खाली बैठा है। लेबर्स को मजबूरन अपने गांव वापस लौटना पड़ रहा है। देश की हालत खराब है और पीएम मोदी को सर्वे कराने की पड़ी है। आम आदमी पार्टी ने यह तय किया है कि वह मोदी के इस फैसले के पीछे छिपे घोटाले को जनता तक पहुंचाए।'
वहीं आम आदमी पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि मंगलवार शाम को ही यह तय हो चुका है कि अरविंद केजरीवाल का जनता के नाम लिखा पत्र घर—घर में पहुंचाया जाए। इसकी शुरुआत उन्होंने दिल्ली से ही करने की मांग रखी।
आम आदमी पार्टी की ओर से हर विधायक को उसके विधानसभा क्षेत्र में बांटने के लिए इस पत्र की कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी। पत्र पूरी तरह से बांटने के बाद हर विधानसभा में दो आक्रोश रैलियां आयोजित की जाएंगी। इस रैली में जनता खुद अपनी तकलीफ सबके सामने रखेगी ताकि केंद्र सरकार को यह पता चल सके कि जनता की असल हालत क्या है और इस फैसले के बाद किस दौर से गुजरने को मजबूर है।
आक्रोश रैली को लेकर पार्टी के हर विधायक को भी जानकारी दे दी गई है। उन्हें यह भी कहा है कि अपने अपने क्षेत्र में ब्लॉक स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रूपरेखा तैयार की जाए कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पत्र घर—घर तक कैसे पहुंचे।
केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी के सिलसिले में कराए जा रहे सर्वे को आम आदमी पार्टी ने सिरे से नकार दिया है। पार्टी का कहना है कि देश में लोग मर रहे हैं और सरकार अपने गलत कदम को सही साबित करने में लगी हुई है। पार्टी का आरोप है कि नोटबंदी की आड़ में यह आजाद भारत का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है और आम आदमी पार्टी इसे पूरे देश के सामने लाकर रहेगी।
यही वजह है कि आम आदमी पार्टी ने यह तय किया है कि दिल्ली के हर विधानसभा क्षेत्र में जनआक्रोश रैली निकाली जाएगी। इसमें पार्टी के लोगों के अलावा आम जनता को भी शामिल किया जाएगा और इसके जरिए मोदी के फैसले को गलत ठहराने की कोशिश होगी।
आम आदमी पार्टी के कोआॅर्डिनेटर दीपक बाजपेई ने बताया कि केंद्र सरकार के सर्वे को कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि अखबारों में आएदिन ये खबरें आती रहती हैं कि पैसा निकालने के चक्कर में लोग घंटों लाइन में खड़े होने को मजबूर हैं। कई लोगों की मौत हो चुकी है।
दीपक के मुताबिक, 'केंद्र सरकार का फैसला गलत है और इसे जनता पर नहीं थोपना चाहिए।इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई बताना भी गलत है। मोदी के इस फरमान के बाद हर छोटा—बड़ा व्यापारी खाली बैठा है। लेबर्स को मजबूरन अपने गांव वापस लौटना पड़ रहा है। देश की हालत खराब है और पीएम मोदी को सर्वे कराने की पड़ी है। आम आदमी पार्टी ने यह तय किया है कि वह मोदी के इस फैसले के पीछे छिपे घोटाले को जनता तक पहुंचाए।'
वहीं आम आदमी पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि मंगलवार शाम को ही यह तय हो चुका है कि अरविंद केजरीवाल का जनता के नाम लिखा पत्र घर—घर में पहुंचाया जाए। इसकी शुरुआत उन्होंने दिल्ली से ही करने की मांग रखी।
आम आदमी पार्टी की ओर से हर विधायक को उसके विधानसभा क्षेत्र में बांटने के लिए इस पत्र की कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी। पत्र पूरी तरह से बांटने के बाद हर विधानसभा में दो आक्रोश रैलियां आयोजित की जाएंगी। इस रैली में जनता खुद अपनी तकलीफ सबके सामने रखेगी ताकि केंद्र सरकार को यह पता चल सके कि जनता की असल हालत क्या है और इस फैसले के बाद किस दौर से गुजरने को मजबूर है।
आक्रोश रैली को लेकर पार्टी के हर विधायक को भी जानकारी दे दी गई है। उन्हें यह भी कहा है कि अपने अपने क्षेत्र में ब्लॉक स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रूपरेखा तैयार की जाए कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पत्र घर—घर तक कैसे पहुंचे।
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