नई दिल्ली
दिवाली के बाद की जहरीली हवा से कुछ दिनों पहले ही राहत मिली थी, लेकिन अब दिल्ली की हवा फिर परेशान कर सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कम से कम 3 दिसंबर तक लोगों को खराब हवा का सामना करना पड़ेगा, हवा की क्वॉलिटी 'मॉडरेट' से 'वेरी पुअर' हो गई है। मंगलवार को हवा की रफ्तार में कमी आई जिसके चलते न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियस से फिसलकर 9.7 डिग्री पर आ गया।
सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड(CPCB) का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स(AQI) 229 से बढ़कर 368 तक पहुंच गया है, जबकि PN2.5 400 मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ऊपर पहुंच गया है। यह आनंद विहार, आरकेपुरम, पंजाबी बाग जैसी जगहों के 24 घंटे के स्टैंडर्ड आंकड़े का 6 गुना है। मंगलवार को हवा की गति ज्यादातर जगहों पर एक मीटर प्रति सेकंड से कम दर्ज की गई।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख रवींद्र विशन ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों से तेज हवाओं और अधिक तापमान की वजह से एनसीआर की हवा की क्वॉलिटी काफी अच्छी थी, जो अब हवा की रफ्तार घटने से खराब हो रही है।' उन्होंने आगे कहा कि 30 नवंबर से 3 दिसंबर तक हवा का रुख पूरब दिशा का होगा, जिसके कारण हवा में नमी बढ़ेगी और गंगा के मैदानी इलाकों में विजिबिलिटी घटेगी। अगले 3-4 दिनों तक उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में घना कोहरा छा सकता है।
कई वैज्ञानिकों ने संकेत दिया है कि 5-6 नवंबर के स्मॉग की तरह पलूशन का भयावह लेवल वापस लौट सकता है।
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दिवाली के बाद की जहरीली हवा से कुछ दिनों पहले ही राहत मिली थी, लेकिन अब दिल्ली की हवा फिर परेशान कर सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कम से कम 3 दिसंबर तक लोगों को खराब हवा का सामना करना पड़ेगा, हवा की क्वॉलिटी 'मॉडरेट' से 'वेरी पुअर' हो गई है। मंगलवार को हवा की रफ्तार में कमी आई जिसके चलते न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियस से फिसलकर 9.7 डिग्री पर आ गया।
सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड(CPCB) का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स(AQI) 229 से बढ़कर 368 तक पहुंच गया है, जबकि PN2.5 400 मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ऊपर पहुंच गया है। यह आनंद विहार, आरकेपुरम, पंजाबी बाग जैसी जगहों के 24 घंटे के स्टैंडर्ड आंकड़े का 6 गुना है। मंगलवार को हवा की गति ज्यादातर जगहों पर एक मीटर प्रति सेकंड से कम दर्ज की गई।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख रवींद्र विशन ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों से तेज हवाओं और अधिक तापमान की वजह से एनसीआर की हवा की क्वॉलिटी काफी अच्छी थी, जो अब हवा की रफ्तार घटने से खराब हो रही है।' उन्होंने आगे कहा कि 30 नवंबर से 3 दिसंबर तक हवा का रुख पूरब दिशा का होगा, जिसके कारण हवा में नमी बढ़ेगी और गंगा के मैदानी इलाकों में विजिबिलिटी घटेगी। अगले 3-4 दिनों तक उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में घना कोहरा छा सकता है।
कई वैज्ञानिकों ने संकेत दिया है कि 5-6 नवंबर के स्मॉग की तरह पलूशन का भयावह लेवल वापस लौट सकता है।
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