नई दिल्ली
समाजवादी पार्टी के सांसद मुनव्वर सलीम के पीए फरहत ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि 1998 के बाद भारत आए आईएसआई एजेंटों से उसकी पहचान रही। भारत छोड़कर जाते समय नए आने वाले आईएसआई एजेंट से पुराने एजेंट की फरहत की मुलाकात करा देते थे। जिससे उसे काम करने में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। पुलिस ने फरहत का मोबाइल कब्जे में ले लिया है। उसकी सीडीआर निकलवाई जा रही है।
उसका लैपटॉप भी कब्जे में लेने की कोशिश की जा रही है। क्राइम ब्रांच की टीम ने डिफेंस से जुड़े दस्तावेजों के साथ मौलाना रमजान, सुभाष जांगिर और महबूब अख्तर को चिड़ियाघर के पास से अरेस्ट किया था। पूछताछ में पता चला कि उनका चौथा साथी शोएब हसन हौजखास में ठहरा हुआ है। पुलिस ने जब वहां दबिश दी तो वह वहां से फरार हो चुका था। इसके बाद क्राइम ब्रांच की सूचना के आधार पर उसे राजस्थान पुलिस ने जोधपुर से अरेस्ट किया। अगले दिन उसे पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच दिल्ली लेकर आई।
दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अफसर के मुताबिक, फरहत ने बताया कि कुछ समय से पाकिस्तान भारत में 26/11 जैसा बड़ा हमला करने की फिराक में है। इसके लिए भारत में मौजूद जासूसों को गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम तट पर सेना की मूवमेंट की जानकारियां जुटाने का जिम्मा दिया गया था। यूपी के कैराना, मुजफ्फरनगर का रहने वाला फरहत भी इसी काम में लगा हुआ था। पूछताछ के दौरान उसने कहा कि वह जो भी गोपनीय दस्तावेज पाक अधिकारियों को मुहैया करवाता था, उसके लिए अलग से मोटी रकम दी जाती थी।
महीने में एक मीटिंग पाक अधिकारियों के साथ होती थी। मुनव्वर सलीम का पीए रहने से पहले फरहत तीन-चार सांसदों और मंत्रियों का पीए भी रह चुका था। इसकी वजह से उसे आसानी से गोपनीय दस्तावेज मिल जाते थे। वह अहम मंत्रालयों से जुड़े कागजातों की चुपचाप फोटो कॉपी कराकर अपने पास रख लेता था।
समाजवादी पार्टी के सांसद मुनव्वर सलीम के पीए फरहत ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि 1998 के बाद भारत आए आईएसआई एजेंटों से उसकी पहचान रही। भारत छोड़कर जाते समय नए आने वाले आईएसआई एजेंट से पुराने एजेंट की फरहत की मुलाकात करा देते थे। जिससे उसे काम करने में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। पुलिस ने फरहत का मोबाइल कब्जे में ले लिया है। उसकी सीडीआर निकलवाई जा रही है।
उसका लैपटॉप भी कब्जे में लेने की कोशिश की जा रही है। क्राइम ब्रांच की टीम ने डिफेंस से जुड़े दस्तावेजों के साथ मौलाना रमजान, सुभाष जांगिर और महबूब अख्तर को चिड़ियाघर के पास से अरेस्ट किया था। पूछताछ में पता चला कि उनका चौथा साथी शोएब हसन हौजखास में ठहरा हुआ है। पुलिस ने जब वहां दबिश दी तो वह वहां से फरार हो चुका था। इसके बाद क्राइम ब्रांच की सूचना के आधार पर उसे राजस्थान पुलिस ने जोधपुर से अरेस्ट किया। अगले दिन उसे पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच दिल्ली लेकर आई।
दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अफसर के मुताबिक, फरहत ने बताया कि कुछ समय से पाकिस्तान भारत में 26/11 जैसा बड़ा हमला करने की फिराक में है। इसके लिए भारत में मौजूद जासूसों को गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम तट पर सेना की मूवमेंट की जानकारियां जुटाने का जिम्मा दिया गया था। यूपी के कैराना, मुजफ्फरनगर का रहने वाला फरहत भी इसी काम में लगा हुआ था। पूछताछ के दौरान उसने कहा कि वह जो भी गोपनीय दस्तावेज पाक अधिकारियों को मुहैया करवाता था, उसके लिए अलग से मोटी रकम दी जाती थी।
महीने में एक मीटिंग पाक अधिकारियों के साथ होती थी। मुनव्वर सलीम का पीए रहने से पहले फरहत तीन-चार सांसदों और मंत्रियों का पीए भी रह चुका था। इसकी वजह से उसे आसानी से गोपनीय दस्तावेज मिल जाते थे। वह अहम मंत्रालयों से जुड़े कागजातों की चुपचाप फोटो कॉपी कराकर अपने पास रख लेता था।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: हर ISI एजेंट से थी MP के PA फरहत की पहचान