अभिषेक रावत, नई दिल्ली
दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग का बहुचर्चित सीएनजी फिटनेस स्कैम एक बार फिर सुर्खियों में है। दिल्ली सरकार की ऐंटी करप्शन ब्रांच ने जांच फिर तेज कर दी है। सूत्र कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार का नाम भी चार्जशीट में शामिल करने की तैयारी है। इसके अलावा कुछ रिटायर्ड व सर्विंग IAS अधिकारी भी आरोपियों की फेहरिस्त में शामिल किए जा सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, जल्द ही मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। इस संबंध में मामले के नए जांच अधिकारी को सप्लीमेंट्री चार्जशीट तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट को लेकर आला अधिकारियों से विचार विमर्श करने के बाद ही चार्जशीट तैयार करने का काम किया गया है। मामले के नए जांच अधिकारी एसीपी महेंद्र सिंह हैं।
सूत्रों के अनुसार इस बार ट्रांसपोर्ट विभाग के कुछ एमएलओ, इंस्पेक्टर, डेप्युटी कमिश्नर के अलावा इस मामले के कथित विसलब्लोअर अनिल चिकारा को भी आरोपी की सूची में शामिल करने की तैयारी है। जिन रिटायर्ड अधिकारियों को इस मामले में आरोपी बनाने का विचार किया जा रहा है, उनमें दिल्ली सरकार के पूर्व चीफ सेक्रेटरी पीके त्रिपाठी, डीएम स्पोलिया के अलावा कुछ अन्य रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों के भी नाम शामिल हैं। एक आईएएस अधिकारी को आरोपी बनाने के लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी मांगी गई है लेकिन मंत्रालय से अभी जवाब नहीं आया है।
सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल के पूर्व सचिव राजेंद्र कुमार की भूमिका इस बात को लेकर संदिग्ध है कि इस संबंध में FIR दर्ज होने के बावजूद उन्होंने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के अपने कार्यकाल में फिटनेस टेस्ट को बंद नहीं कराया, जिसकी वजह से सरकार को लगभग 3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। गौरतलब है कि सीएनजी फिटनेस घोटाले की FIR 2012 में दर्ज की गई थी। इस मामले में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के अलावा हारुन यूसुफ सहित कुछ और मंत्रियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे।
दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग का बहुचर्चित सीएनजी फिटनेस स्कैम एक बार फिर सुर्खियों में है। दिल्ली सरकार की ऐंटी करप्शन ब्रांच ने जांच फिर तेज कर दी है। सूत्र कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार का नाम भी चार्जशीट में शामिल करने की तैयारी है। इसके अलावा कुछ रिटायर्ड व सर्विंग IAS अधिकारी भी आरोपियों की फेहरिस्त में शामिल किए जा सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, जल्द ही मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। इस संबंध में मामले के नए जांच अधिकारी को सप्लीमेंट्री चार्जशीट तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट को लेकर आला अधिकारियों से विचार विमर्श करने के बाद ही चार्जशीट तैयार करने का काम किया गया है। मामले के नए जांच अधिकारी एसीपी महेंद्र सिंह हैं।
सूत्रों के अनुसार इस बार ट्रांसपोर्ट विभाग के कुछ एमएलओ, इंस्पेक्टर, डेप्युटी कमिश्नर के अलावा इस मामले के कथित विसलब्लोअर अनिल चिकारा को भी आरोपी की सूची में शामिल करने की तैयारी है। जिन रिटायर्ड अधिकारियों को इस मामले में आरोपी बनाने का विचार किया जा रहा है, उनमें दिल्ली सरकार के पूर्व चीफ सेक्रेटरी पीके त्रिपाठी, डीएम स्पोलिया के अलावा कुछ अन्य रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों के भी नाम शामिल हैं। एक आईएएस अधिकारी को आरोपी बनाने के लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी मांगी गई है लेकिन मंत्रालय से अभी जवाब नहीं आया है।
सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल के पूर्व सचिव राजेंद्र कुमार की भूमिका इस बात को लेकर संदिग्ध है कि इस संबंध में FIR दर्ज होने के बावजूद उन्होंने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के अपने कार्यकाल में फिटनेस टेस्ट को बंद नहीं कराया, जिसकी वजह से सरकार को लगभग 3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। गौरतलब है कि सीएनजी फिटनेस घोटाले की FIR 2012 में दर्ज की गई थी। इस मामले में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के अलावा हारुन यूसुफ सहित कुछ और मंत्रियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे।
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