पारस सिंह, नई दिल्ली
नवाजुद्दीन सिद्दीकी भले ही रामलीला का हिस्सा न बनकर व्यथित हो रहे हों लेकिन दिल्ली में ऐसा नहीं है। यहां मुस्लिम युवक न केवल रामलीला का हिस्सा बन रहे हैं बल्कि इसके मंचन में भी उनको भूमिका मिलती है। दिल्ली के सादिक हुसैन का कहना है कि जब वह 5 साल के थे तबसे रामलीला में राम की वानर सेना का हिस्सा बनते थे।
अब 15 साल बाद श्री नवयुवक रामलीला कमिटी में हुसैन की उम्र ही नहीं बल्कि उनका कद भी बढ़ गया है। अब हुसैन रामलीला में लक्ष्मण का किरदार निभाते हैं। इस मायने में हम कह सकते हैं कि दिल्ली बुढ़ाना नहीं है। यह बात ऐक्टर नवाजुद्दीन के संदर्भ में की जा रही है।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने शुक्रवार को ट्वीट से जानकारी दी कि उनके शहर बुढ़ाना में उनका बचपन का सपना पूरा नहीं हो पाया। दरअसल नवाज का सपना है कि वह रामलीला का हिस्सा बनें। इस बार बुढ़ाना की रामलीला में नवाज मरीन का रोल अदा करने वाले थे। शिवसेना के विरोध की वजह से नवाज रमलीला का हिस्सा नहीं बन पाए।
दिल्ली में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलता। दिल्ली में रामलीला की परंपरा भी काफी ऐतिहासिक रही है। दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली में पहले रामलीला ग्रुप की स्थापना मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर ने की थी। रामलीला में अपने किरदार के मुताबिक सिंदूर का टीका लगाए 30 साल के हुसैन ने बताया, 'मुझे कभी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। रामलीला के आयोजकों और मेरे परिवार के लोगों ने हमेशा मेरा सपॉर्ट किया।'
हालांकि हुसैन यह भी स्वीकार करते हैं कि उनके कुछ रिश्तेदारों ने उन्हें ऐसा करने से मना किया था। पर उनके परिवार ने कहा कि ऐसी बातों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं। अभी डेढ़ महीने पहले ही हुसैन की शादी हुई है। हुसैन को लग रहा था कि शादी के तुरंत बाद रामलीला का हिस्सा कैसे बने। तब उनकी बीवी ने ही कहा कि आप इतने सालों से इसे कर रहे हैं, अब क्यों रोकना?
कुछ दिनों पहले हुसैन की पत्नी और उनकी मां ने दीप जलाकर सीता स्वयंवर ऐक्ट का उद्घाटन भी किया। हुसैन के भाई मंजर हुसैन भी इस रामलीला में रावण का किरदार निभाते हैं। श्री नव धार्मिक रामलीला में कुंभकर्ण का रोल अदा करने वाले मुजीब-उर-रहमान का भी ऐसा ही अनुभव है।
रहमान बताते हैं कि पहले तो उन्हें लगा कि उनके मां-पिता उन्हें रामलीला में हिस्सा नहीं लेने देंगे, लेकिन उन्होंने नहीं रोका। एक बार तो उन्होंने अपने घरवालों से झूठ भी बोला कि वह राम का रोल अदा करने वाले हैं। उनको लगा कि हिंदू भगवान का रोल अदा करने पर मां-पिता रोकेंगे पर ऐसा नहीं हुआ।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी भले ही रामलीला का हिस्सा न बनकर व्यथित हो रहे हों लेकिन दिल्ली में ऐसा नहीं है। यहां मुस्लिम युवक न केवल रामलीला का हिस्सा बन रहे हैं बल्कि इसके मंचन में भी उनको भूमिका मिलती है। दिल्ली के सादिक हुसैन का कहना है कि जब वह 5 साल के थे तबसे रामलीला में राम की वानर सेना का हिस्सा बनते थे।
अब 15 साल बाद श्री नवयुवक रामलीला कमिटी में हुसैन की उम्र ही नहीं बल्कि उनका कद भी बढ़ गया है। अब हुसैन रामलीला में लक्ष्मण का किरदार निभाते हैं। इस मायने में हम कह सकते हैं कि दिल्ली बुढ़ाना नहीं है। यह बात ऐक्टर नवाजुद्दीन के संदर्भ में की जा रही है।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने शुक्रवार को ट्वीट से जानकारी दी कि उनके शहर बुढ़ाना में उनका बचपन का सपना पूरा नहीं हो पाया। दरअसल नवाज का सपना है कि वह रामलीला का हिस्सा बनें। इस बार बुढ़ाना की रामलीला में नवाज मरीन का रोल अदा करने वाले थे। शिवसेना के विरोध की वजह से नवाज रमलीला का हिस्सा नहीं बन पाए।
दिल्ली में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलता। दिल्ली में रामलीला की परंपरा भी काफी ऐतिहासिक रही है। दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली में पहले रामलीला ग्रुप की स्थापना मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर ने की थी। रामलीला में अपने किरदार के मुताबिक सिंदूर का टीका लगाए 30 साल के हुसैन ने बताया, 'मुझे कभी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। रामलीला के आयोजकों और मेरे परिवार के लोगों ने हमेशा मेरा सपॉर्ट किया।'
हालांकि हुसैन यह भी स्वीकार करते हैं कि उनके कुछ रिश्तेदारों ने उन्हें ऐसा करने से मना किया था। पर उनके परिवार ने कहा कि ऐसी बातों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं। अभी डेढ़ महीने पहले ही हुसैन की शादी हुई है। हुसैन को लग रहा था कि शादी के तुरंत बाद रामलीला का हिस्सा कैसे बने। तब उनकी बीवी ने ही कहा कि आप इतने सालों से इसे कर रहे हैं, अब क्यों रोकना?
कुछ दिनों पहले हुसैन की पत्नी और उनकी मां ने दीप जलाकर सीता स्वयंवर ऐक्ट का उद्घाटन भी किया। हुसैन के भाई मंजर हुसैन भी इस रामलीला में रावण का किरदार निभाते हैं। श्री नव धार्मिक रामलीला में कुंभकर्ण का रोल अदा करने वाले मुजीब-उर-रहमान का भी ऐसा ही अनुभव है।
रहमान बताते हैं कि पहले तो उन्हें लगा कि उनके मां-पिता उन्हें रामलीला में हिस्सा नहीं लेने देंगे, लेकिन उन्होंने नहीं रोका। एक बार तो उन्होंने अपने घरवालों से झूठ भी बोला कि वह राम का रोल अदा करने वाले हैं। उनको लगा कि हिंदू भगवान का रोल अदा करने पर मां-पिता रोकेंगे पर ऐसा नहीं हुआ।
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