Monday, October 3, 2016

हार्ट पेशेंट्स के लिए योग कितना कारगर!

राहुल आनंद, नई दिल्ली
हार्ट अटैक के मरीजों के इलाज में योग कितना कारगर है, इस पर एम्स ने स्टडी शुरू कर दी है। एम्स के हार्ट डिपार्टमेंट ने बाकायदा इसके लिए योग के अलग-अलग क्रियाओं को शामिल किया है और इस रिसर्च का नाम क्रयोग दिया है। एम्स के कार्डिएक डिपार्टमेंट के प्रोफेसर संदीप सेठ ने कहा कि हार्ट अटैक के मरीजों को दो ग्रुप में बांटकर उनका इलाज किया जा रहा है। एक ग्रुप में मरीजों को सभी इलाज के साथ-साथ उनसे योगाभ्यास कराया जा रहा है और दूसरे ग्रुप को केवल दवाओं पर रखा जा रहा है।

इस पर स्टडी शुरू हो गई है। डॉक्टर संदीप ने कहा कि एलौपैथी को योग के साथ जोड़कर और इफेक्टिव बनाने की दिशा में यह स्टेप लिया गया है। इसका नाम 'कार्डियो रीहैब योगा प्रोग्राम' दिया गया है। OPD में आने वाले हार्ट के जिन मरीजों की स्थिति स्टैबल होती है, उन्हें दवा के साथ इस योग क्रिया के बारे में बताया जाता है और उनकी रजामंदी के बाद उन्हें इस प्रोग्राम में शामिल कर लिया जाता है। सबसे पहले ब्रीदिंग में सुधार के लिए उनसे योग कराया जाता है, जिसमें प्राणायाम जैसी योग क्रियाएं शामिल हैं।

इससे हार्ट, चेस्ट और लंग्स की कैपैसिटी बढ़ती है। दूसरे स्टेज में बॉडी को लूज करने के लिए योग कराया जा रहा है, जिससे जॉइंट में सुधार होता है। चाहे गर्दन, हाथ, पैर या एलबो हों सभी का मूवमेंट बेहतर करने के लिए योगाभ्यास कराया जा रहा है। डॉक्टर संदीप ने कहा कि तीसरे स्टेज में मरीजों से 10 से 15 मिनट का वॉक कराया जाता है। चौथे स्टेज में रीलैक्सेशन के लिए योग कराया जाता है। इसके साथ डाइट कैसे लें, इसकी सलाह दी जा रही है। फ्रूट में क्या लें, हरी सब्जी में क्या-क्या खाएं, फैट नहीं लें।

यह केवल उन मरीजों पर किया जा रहा है, जो स्टैबल हैं। अभी 5 मरीजों को इस प्रोग्राम में शामिल किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद यह जानना है कि योग से हार्ट अटैक के मरीजों में कोई सुधार आता है या नहीं। इसके बाद जिन मरीजों में योग नहीं किया गया, उससे इसका कंपेयर किया जाएगा, अगर योग से सुधार पाया जाएगा तो और मरीजों में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही देश के बाकी सेंटर्स भी यह तरीका अपना पाएंगे।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Read more: हार्ट पेशेंट्स के लिए योग कितना कारगर!