नई दिल्ली
दिल्ली महिला आयोग में काम कर रहे कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों की सैलरी रिलीज नहीं की जा रही है। अपने कर्मचारियों की सैलरी रिलीज नहीं किए जाने से महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालिवाल ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने अरोप लगाया कि नई मेंबर सेक्रटरी ने सैलरी रिलीज नहीं की है। इसकी वजह से कॉन्ट्रैक्ट के सभी स्टाफ की दिवाली काली हो जाएगी। कॉन्ट्रैक्ट पर करीब 70 लोग काम करते हैं, जिसमें 181 हेल्पलाइन, रेप क्राइसिस सेल के स्टाफ के अलावा ऐसिड सर्वाइवर भी हैं।
सैलरी को लेकर स्वाति ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने ट्वीट किया कि मेरा काम मेरी तपस्या है, पूजा है। बार-बार मुझे और मेरी टीम को अच्छा काम करने की सजा दी जा रही है। उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि मेरे स्टाफ की दिवाली काली की गई। कोशिश है कि वे काम बंद करें। महिलाओं के लिए खुद काम नहीं करते, जो करते हैं उन्हें परेशान करते हैं। तीसरे ट्वीट में कहा कि तुम्हारी सारी कूटनीति भी ऐसिड विक्टिम के जज्बे को नहीं झुका सकती।
स्वाति का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब आयोग पर ताला लग जाएगा। यहां काम करने वाले लोगों को परेशान किया जा रहा है। दो महीने से सैलरी नहीं मिली है, सभी दिवाली मनाएंगे, लेकिन इनके घर में दीये नहीं जल पाएंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में एलजी ने आयोग में मेंबर सेक्रटरी को अपॉइंट किया है, जिनके पास यह अडिशनल चार्ज है। उनका कहना है कि नियम यह है कि फुलटाइम चार्ज हो। अभी आयोग में लगभग 80 स्टाफ है, जिसमें से केवल 10 ही रेग्युलर हैं, बाकी सभी कॉन्ट्रैक्ट वाले हैं।
दिल्ली महिला आयोग में काम कर रहे कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों की सैलरी रिलीज नहीं की जा रही है। अपने कर्मचारियों की सैलरी रिलीज नहीं किए जाने से महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालिवाल ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने अरोप लगाया कि नई मेंबर सेक्रटरी ने सैलरी रिलीज नहीं की है। इसकी वजह से कॉन्ट्रैक्ट के सभी स्टाफ की दिवाली काली हो जाएगी। कॉन्ट्रैक्ट पर करीब 70 लोग काम करते हैं, जिसमें 181 हेल्पलाइन, रेप क्राइसिस सेल के स्टाफ के अलावा ऐसिड सर्वाइवर भी हैं।
सैलरी को लेकर स्वाति ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने ट्वीट किया कि मेरा काम मेरी तपस्या है, पूजा है। बार-बार मुझे और मेरी टीम को अच्छा काम करने की सजा दी जा रही है। उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि मेरे स्टाफ की दिवाली काली की गई। कोशिश है कि वे काम बंद करें। महिलाओं के लिए खुद काम नहीं करते, जो करते हैं उन्हें परेशान करते हैं। तीसरे ट्वीट में कहा कि तुम्हारी सारी कूटनीति भी ऐसिड विक्टिम के जज्बे को नहीं झुका सकती।
स्वाति का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब आयोग पर ताला लग जाएगा। यहां काम करने वाले लोगों को परेशान किया जा रहा है। दो महीने से सैलरी नहीं मिली है, सभी दिवाली मनाएंगे, लेकिन इनके घर में दीये नहीं जल पाएंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में एलजी ने आयोग में मेंबर सेक्रटरी को अपॉइंट किया है, जिनके पास यह अडिशनल चार्ज है। उनका कहना है कि नियम यह है कि फुलटाइम चार्ज हो। अभी आयोग में लगभग 80 स्टाफ है, जिसमें से केवल 10 ही रेग्युलर हैं, बाकी सभी कॉन्ट्रैक्ट वाले हैं।
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