नई दिल्ली
सीबीएसई ने इससे मान्यता हासिल करने वाले सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे टीचर्स को पढ़ाई, एग्जाम कंडक्ट करने और ऐकडेमिक कामों को छोड़कर अन्य किसी तरह के कामों में शामिल न करें। दरअसल सीबीएसई ने स्कूलों को यह चिट्ठी सेंट्रल अडवाइजरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन (सीएबीई) की 25 अक्टूबर को हुई बैठक के बाद जारी किया है।
एजुकेशन के क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी अडवाइजरी संस्था मानी जाने वाली सीएबीई की बैठक केंद्रीय एचआरडी मंत्री प्रकाश जावडेकर की अध्यक्षता में हुई थी, जिसमें स्कूलों में टीचर्स को गैर-शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल किए जाने का मुद्दा उठाया गया था। मीटिंग में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे।
इस सिलसिले में सीबीएसई के सेक्रटरी जोसेफ एम्नुएल द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि राइट टु एजुकेशन के मुताबिक किसी भी टीचर को नॉन-ऐकडेमिक गतिविधियों में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। इसके अपवाद में जनगणना, आपदा प्रबंध के कार्य या चुनाव से जुड़ी ड्यूटी हैं।
सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टीचर्स शैक्षणिक कामों के इतर अन्य कामों में न लगाए जाएं। यह प्रिंसिपल, सोसायटी या ट्रस्ट के सेक्रटरी की जिम्मेदारी होगी कि वे नियमों का पालन किया जाना सुनिश्चित करें।
सीबीएसई ने इससे मान्यता हासिल करने वाले सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे टीचर्स को पढ़ाई, एग्जाम कंडक्ट करने और ऐकडेमिक कामों को छोड़कर अन्य किसी तरह के कामों में शामिल न करें। दरअसल सीबीएसई ने स्कूलों को यह चिट्ठी सेंट्रल अडवाइजरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन (सीएबीई) की 25 अक्टूबर को हुई बैठक के बाद जारी किया है।
एजुकेशन के क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी अडवाइजरी संस्था मानी जाने वाली सीएबीई की बैठक केंद्रीय एचआरडी मंत्री प्रकाश जावडेकर की अध्यक्षता में हुई थी, जिसमें स्कूलों में टीचर्स को गैर-शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल किए जाने का मुद्दा उठाया गया था। मीटिंग में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे।
इस सिलसिले में सीबीएसई के सेक्रटरी जोसेफ एम्नुएल द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि राइट टु एजुकेशन के मुताबिक किसी भी टीचर को नॉन-ऐकडेमिक गतिविधियों में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। इसके अपवाद में जनगणना, आपदा प्रबंध के कार्य या चुनाव से जुड़ी ड्यूटी हैं।
सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टीचर्स शैक्षणिक कामों के इतर अन्य कामों में न लगाए जाएं। यह प्रिंसिपल, सोसायटी या ट्रस्ट के सेक्रटरी की जिम्मेदारी होगी कि वे नियमों का पालन किया जाना सुनिश्चित करें।
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