Tuesday, October 4, 2016

मॉनसून में भी कम नहीं हुआ पलूशन

राहुल मानव, नई दिल्ली
मॉनसून सीजन में पिछले साल की तुलना में इस साल राजधानी में पलूशन लेवल ज्यादा दर्ज हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस साल पिछले साल से कम बारिश हुई है। इसके कारण एयर क्वॉलिटी पर भी असर पड़ा है। इस बार हवा में मौजूद बेहद छोटे प्रदूषित कण ज्यादा दर्ज हुए हैं।

मौसम विभाग के एनवायरनमेंट मॉनिटरिंग ऐंड रिसर्च सेंटर (EMRC) के हेड डॉक्टर विजय कुमार सोनी ने बताया कि पिछले दो सालों में PM 2.5 और PM 10 के लेवल मॉडरेट के आसपास दर्ज हुए हैं। लेकिन 2015 की तुलना में इस साल PM 2.5 का एवरेज लेवल मॉनसून सीजन के दौरान ज्यादा दर्ज हुआ है। इसकी मुख्य वजह है कि पिछले साल की तुलना में इस साल मॉनसून सीजन के दौरान दिल्ली में कम बारिश हुई है। इसका असर एयर क्वॉलिटी पर पड़ा है।

जून से सितंबर महीने के दौरान साल 2015 में PM 2.5 का एवरेज लेवल 76.98 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर (MGCM) दर्ज हुआ। वहीं साल 2016 में जून से सितंबर के दौरान PM 2.5 का एवरेज लेवल 80.53 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर (MGCM) दर्ज हुआ है। साथ ही मॉनसून सीजन में PM 10 का लेवल भी पिछले साल से ज्यादा दर्ज हुआ है। 2015 में PM 10 एवरेज लेवल 129.60 MGCM दर्ज हुआ, जबकि इस साल मॉनसून सीजन में PM 10 का लेवल 137.59 MGCM दर्ज हुआ।

मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 523.2 मिमी बारिश जून से सितंबर के दौरान दर्ज हुई है, जबकि मॉनसून के दौरान नॉर्मल बारिश 648.9 मिमी होती है। स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि दिल्ली में 2015 में 588 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज हुई थी। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि साल 2016 में कई लंबे गैप के बाद बारिश दर्ज हुई। इसके कारण हवा में मौजूद प्रदूषित कणों का स्तर ज्यादा दर्ज हुआ।

मंथली एवेरज के आंकड़ों से यह बात सामने आई है कि एयर क्वॉलिटी में बारिश कम होने के कारण असर पड़ा है। PM 2.5 का नॉर्मल लेवल 60 MGCM होता है। वहीं PM 10 का नॉर्मल लेवल 100 MGCM होता है।

महीना PM 2.5 (2015) PM 2.5 (2016)

जून 84.42 96.93

जुलाई 71.81 80.68

अगस्त 62.2 64.58

सितंबर 89.51 80.58

एवरेज 76.98 80.53

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