परीक्षित निर्भय, नई दिल्ली
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट कंपनियों के जरिए एमआरआई और सीटी स्कैन की नई मशीनें लगवाना केजरीवाल सरकार के लिए महंगा साबित हो रहा है। जहां जीबी पंत और लोकनायक अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारी तीन दिन से धरने पर बैठे हैं। वहीं, अब यह मामला दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग तक पहुंच चुका है।
दिल्ली गेट स्थित जीबी पंत सुपर स्पेशिऐलिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने एलजी नजीब जंग से मुलाकात कर इस मामले में ठोस कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही बताया है कि सरकार के इस आधारहीन फैसले के कारण रेडियॉलजी विभाग पूरी तरह से निष्क्रिय हो जाएगा। बताया जा रहा है कि एलजी ने डॉक्टरों को इस मामले में जल्द ही उचित समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। यही नहीं, जीबी पंत अस्पताल के कर्मचारी यूनियन और दिल्ली की पैरामेडिकल टेक्निकल एम्प्लॉईज यूनियन ने भी एलजी दरबार में दिल्ली सरकार के खिलाफ अर्जी लगाने की तैयारी कर ली है।
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में एमआरआई और सीटी स्कैन की व्यवस्था न के बराबर है। पुरानी मशीनें खराब हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए नई मशीनें लगाने का फैसला लिया। लेकिन कर्मचारियों और डॉक्टरों का कहना है कि इससे रेडियॉलजी विभाग खत्म हो जाएगा। कोई भी प्राइवेट कंपनी अपनी मशीन पर सरकारी कर्मचारी को हाथ नहीं लगाने देगी। यही कारण है कि पिछले 3 दिन से जीबी पंत और लोकनायक अस्पताल के कर्मचारी धरने पर बैठे हैं।
बैकफुट पर डॉक्टर
पैरामेडिकल टेक्निकल एम्प्लॉईज यूनियन के प्रेसिडेंट बताते हैं कि डॉक्टरों ने एलजी से इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की है। कर्मचारियों के धरने में डॉक्टर शामिल नहीं हो सकते। वे बैकफुट पर रहना चाहते हैं। लेकिन कर्मचारियों को किसी बात का खौफ नहीं है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ धरना जारी रहेगा।
खौफ में अधिकारी
बताया जा रहा है कि जीबी पंत अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी तीन दिन से जारी धरने के कारण परेशान हैं। एक ओर वे कर्मचारियों की मांग को दरकिनार नहीं कर पा रहे हैं। वहीं, हर दिन की रिपोर्ट सचिवालय तक भेजना भी उनके लिए सिरदर्द बन गया है। सूत्रों की मानें तो कुछ अधिकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खौफ में हैं।
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट कंपनियों के जरिए एमआरआई और सीटी स्कैन की नई मशीनें लगवाना केजरीवाल सरकार के लिए महंगा साबित हो रहा है। जहां जीबी पंत और लोकनायक अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारी तीन दिन से धरने पर बैठे हैं। वहीं, अब यह मामला दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग तक पहुंच चुका है।
दिल्ली गेट स्थित जीबी पंत सुपर स्पेशिऐलिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने एलजी नजीब जंग से मुलाकात कर इस मामले में ठोस कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही बताया है कि सरकार के इस आधारहीन फैसले के कारण रेडियॉलजी विभाग पूरी तरह से निष्क्रिय हो जाएगा। बताया जा रहा है कि एलजी ने डॉक्टरों को इस मामले में जल्द ही उचित समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। यही नहीं, जीबी पंत अस्पताल के कर्मचारी यूनियन और दिल्ली की पैरामेडिकल टेक्निकल एम्प्लॉईज यूनियन ने भी एलजी दरबार में दिल्ली सरकार के खिलाफ अर्जी लगाने की तैयारी कर ली है।
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में एमआरआई और सीटी स्कैन की व्यवस्था न के बराबर है। पुरानी मशीनें खराब हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए नई मशीनें लगाने का फैसला लिया। लेकिन कर्मचारियों और डॉक्टरों का कहना है कि इससे रेडियॉलजी विभाग खत्म हो जाएगा। कोई भी प्राइवेट कंपनी अपनी मशीन पर सरकारी कर्मचारी को हाथ नहीं लगाने देगी। यही कारण है कि पिछले 3 दिन से जीबी पंत और लोकनायक अस्पताल के कर्मचारी धरने पर बैठे हैं।
बैकफुट पर डॉक्टर
पैरामेडिकल टेक्निकल एम्प्लॉईज यूनियन के प्रेसिडेंट बताते हैं कि डॉक्टरों ने एलजी से इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की है। कर्मचारियों के धरने में डॉक्टर शामिल नहीं हो सकते। वे बैकफुट पर रहना चाहते हैं। लेकिन कर्मचारियों को किसी बात का खौफ नहीं है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ धरना जारी रहेगा।
खौफ में अधिकारी
बताया जा रहा है कि जीबी पंत अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी तीन दिन से जारी धरने के कारण परेशान हैं। एक ओर वे कर्मचारियों की मांग को दरकिनार नहीं कर पा रहे हैं। वहीं, हर दिन की रिपोर्ट सचिवालय तक भेजना भी उनके लिए सिरदर्द बन गया है। सूत्रों की मानें तो कुछ अधिकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खौफ में हैं।
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