दिल्ली
मोटर एक्सिडेंट क्लेम ट्राइब्यूनल (एमएसीटी) ने फरीदाबाद में साल-2012 में एक डीटीसी बस ड्राइवर की लापरवाही से 72 फीसदी अपंगता का शिकार हुए एक व्यक्ति को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का फैसला सुनाया है।
एमएटीसी की प्रिजाइडिंग ऑफिसर मधु जैन ने कहा कि पीड़ित को लगी चोटों की वजह से उसका पूरा करियर तबाह हो गया। यह स्वाभाविक बात है कि शारीरिक रूप से अक्षम और घायल होने की वजह से याचिकाकर्ता का पूरा करियर और भविष्य में कमाई की क्षमता नष्ट हो गई है। ट्राइब्यूनल ने डीटीसी बस की बीमा कवर करने वाली कंपनी युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस लिमिटेड को आदेश दिया है कि वह 4 नवंबर 2012 को हादसे का शिकार हुए सुधीर को 10,33,900 रुपए का भुगतान करे।
याचिका के मुताबिक तुगलकाबाद निवासी सुधीर जब डीटीसी की बस में चढ़ने वाले थे, तभी ड्राइवर ने बस चला दी जिसकी वजह से उनका बायां पैर बस के पीछे वाले पहिए के नीचे आ गया।
मोटर एक्सिडेंट क्लेम ट्राइब्यूनल (एमएसीटी) ने फरीदाबाद में साल-2012 में एक डीटीसी बस ड्राइवर की लापरवाही से 72 फीसदी अपंगता का शिकार हुए एक व्यक्ति को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का फैसला सुनाया है।
एमएटीसी की प्रिजाइडिंग ऑफिसर मधु जैन ने कहा कि पीड़ित को लगी चोटों की वजह से उसका पूरा करियर तबाह हो गया। यह स्वाभाविक बात है कि शारीरिक रूप से अक्षम और घायल होने की वजह से याचिकाकर्ता का पूरा करियर और भविष्य में कमाई की क्षमता नष्ट हो गई है। ट्राइब्यूनल ने डीटीसी बस की बीमा कवर करने वाली कंपनी युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस लिमिटेड को आदेश दिया है कि वह 4 नवंबर 2012 को हादसे का शिकार हुए सुधीर को 10,33,900 रुपए का भुगतान करे।
याचिका के मुताबिक तुगलकाबाद निवासी सुधीर जब डीटीसी की बस में चढ़ने वाले थे, तभी ड्राइवर ने बस चला दी जिसकी वजह से उनका बायां पैर बस के पीछे वाले पहिए के नीचे आ गया।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: हादसा पीड़ित को 10 लाख देने का आदेश