Friday, September 2, 2016

साइबर खतरे के शिकार हो सकते हैं Online यूजर्स

दिल्ली के कनॉट प्लेस के एक बुटीक में कपड़े सिलवाने आई रीना को जैसे ही पता चला कि बुटीक वाई-फाई युक्त है तो उसने बुटीक मालिक से पासवर्ड लेकर अपने आॅफिस का ईमेल चेक करना शुरू कर दिया। दोस्तों के साथ मोहन सिंह पैलेस में कॉफी पीने गए अमित ने कॉफी मंगाने से पहले वहां मौजूद मुफ्त वाईफाई को आॅन करना बेहतर समझा। हवाईअड्डे या रेलवे स्टेशन से सोशल मीडिया पर अपनी स्थिति बता कर ‘शुभ यात्रा’ की सैकड़ों शुभकामनाएं बटोरे बिना तो यात्रा अधूरी है। तो ऐसी है आॅनलाइन दिल्लीवालों की आदत। लेकिन सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग कर महत्त्वपूर्ण सूचनाओं को साझा करने की प्रवृत्ति साइबर खतरा ला सकती है। और इस खतरे पर बात करने की जरूरत वह अध्ययन बताता है जिसके मुताबिक आम भारतीय सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करके अहम सूचनाओं को साझा करने में अव्वल हैं।

इंटेल सिक्युरिटी ने यात्रा के दौरान लोगों के व्यवहार को बेहतर तरीके से समझने के लिए भारत समेत 14 देशों में वैश्विक अध्ययन किया है। अध्ययन बताता है कि भारत में मुंबई में 44 फीसद, अमदाबाद में 44 फीसद, बंगलुरु में 45 फीसद और हैदराबाद 43 फीसद की तुलना में दिल्ली के केवल 35 फीसद लोग यात्रा के दौरान सोशल मीडिया के इस्तेमाल से परहेज करते हैं।

दिल्लीवालों को भी इस बात का अहसास हो चुका है कि इंटरनेट उनके जीवन पर कितना हावी हो चुका है। अध्ययन के मुताबिक, दिल्ली के दो तिहाई (67 फीसद) लोगों ने दावा किया कि इंटरनेट से दूर रहने के इरादे से वे यात्रा पर गए। वहीं, 89 फीसद लोग यात्रा के दौरान इंटरनेट
से जुड़े रहे। और लोगों की इस आॅनलाइन लत का अपराधी भी फायदा उठा रहे हैं। अपराधी साइबर यात्रा कर रहे लोगों की कमजोर नस का पता लगा चुके होते हैं। आॅनलाइन यात्री अपराधियों को अपने डाटा एवं उपकरण तक पहुंचने का रास्ता देते हैं। असुरक्षित स्मार्टफोन, लैपटॉप और यहां तक कि पहने जाने वाले उपकरणों के जरिए अहम सूचनाएं हासिल कर लेते हैं। अध्ययन बताता है कि यात्रा करने वाले दिल्ली के तीन में से एक लोग (33 फीसद) सार्वजनिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते समय संवेदनशील जानकारी साझा करते हैं। राजधानी के 43 फीसद बाशिंदे क्रेडिट कार्ड नंबर या लॉग-इन नाम/पासवर्ड जैसी अपनी निजी जानकारी बेहिचक साझा कर बैठते हैं।

इंटेल सिक्युरिटी के इंडिया डेवलपमेंट सेंटर के शोध विभाग के प्रमुख वेंकट कृष्णापुर कहते हैं, ‘इस सर्वेक्षण से प्राप्त निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि भारतीय शहरियों का एक बड़ा तबका (84 फीसद) इंटरनेट से जुड़ा रहता है। ऐसा करते समय ये लोग अक्सर इंटरनेट पर जाते हैं और अहम सूचनाएं साझा करते हैं। वे के्रडिट कार्ड के विवरणों, कामकाजी ईमेल और निजी जानकारियों को असुरक्षित सार्वजनिक वाई-फाई के जरिए साझा करने के साइबर खतरों के बारे में नहीं सोचते हैं। इस सर्वेक्षण के जरिए हम यात्रा के दौरान सुरिक्षत डिजिटल आदतों को अपनाने और सुरक्षा संबंधी कदम उठाने की जरूरत के बारे में जागरूकता कायम करना चाहते हैं ताकि यात्रा के दौरान निजी सूचनाओं का दुरुपयोग रोका जा सके’।

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