Friday, September 2, 2016

नर्सों की हड़ताल पर दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में लागाया ESMA एक्ट

चिकनगुनिया, डेंगू सहित तमाम मौसमी बुखारों से पीड़ित राजधानी के करीब 42 अस्पतालों में नर्सों की बेमियादी हड़ताल का व्यापक असर रहा। एम्स को छोड़ कर किसी भी अस्पताल में मरीजों के आॅपरेशन नहीं हो सके। केवल इमरजेंसी आॅपरेशन थिएटर ही वह भी आधे-अधूरे ढंग से चल पाए। भर्ती मरीजों की जांच व इलाज का काम भी प्रभावित हुआ। दिल्ली सरकार ने चिकनगुनिया व मौसमी बीमारियों के व्यापक प्रभाव को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में एसेंशियल सर्विस मेंटिनेंस एक्ट (एस्मा) लागू कर दिया है। स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा डालने पर नर्सों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।

निर्माण भवन स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय व संसद मार्ग पर प्रदर्शन कर रहीं नर्सों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उन्हें दिन भर थाने में बिठाए रखा। नर्सों ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उनके साथ अभद्रता की। दिल्ली सरकार के सबसे बड़े लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में सुबह आठ बजे से ही नर्सों का जमावड़ा होने लगा था। लेकिन आॅपरेशन की कोई तैयारी नहीं हो रही थी न ही भर्ती मरीजों को कपड़े बदलवाए गए न दोपहर तक कोई मरीज ओटी ले जाया गया। यहां आम तौर से रोजाना छोटे-बड़े करीब डेढ़ सौ से दो सौ आॅपरेशन होते हैं। लेकिन शुक्रवार को कोई आॅपरेशन नहीं हो सका। यहां हड्डी के आॅपरेशन के लिए आए मरीज मेहर सिंह (बदला नाम) ने कहा कि काफी लंबे इंतजार के बाद उनकी तारीख आई थी, आॅपरेशन होना था। लेकिन हड़ताल के कारण अभी भर्ती नहीं किया गया। अब पता नहीं कब इसके लिए उन्हें बुलाया जाए।

यहां एलएनजेपी जीबी पंत व मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज व गुरु नानक आई सेंटर की नर्सों ने सुबह से ही धरना शुरू कर दिया था। इस बीच सूचना आई कि आॅल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन की महासचिव जीके खुराना को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस पर नर्सों के जंतर-मंतर कूच करने की तैयारी थी। लेकिन सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से चले इसके लिए पदाधिकारियों ने कहा कि ऊपर से निर्देश मिलने के हिसाब से आगे बढ़ा या यहीं रुका जाए। जीबी पंत अस्पताल नर्सेज यूनियन की महासचिव अंजलि अतरेजा ने कहा कि पंत की सभी 1000 नर्सें इसमें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सारे अस्पातल के भर्ती मरीजों का सारा दारोमदार नर्सों के मत्थे ही रहता है। आइसीयू में भारी-भरकम मरीजों को उठाते-बिठाते स्लिप डिस्क नसें फूलने सहित तमाम दिक्कतें हो जाती हैं। हेपेटाइटिस के मरीजों के जांच करते इंजेक्शन से प्रिक होने से संक्रमण हो जाता है। लेकिन सरकार ने हमारे जोखिम भत्ते खत्म कर दिए हैं।

जीबी पंत अस्पताल के कार्डियो थोरैसिक सर्जरी के डॉक्टर ने बताया कि सारा काम हम डॉक्टरों को करना पड़ रहा है। सभी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। पहले ही हफ्ते में सौ घंटे काम करना पड़ रहा था अब और मुसीबत है। उन्होंने बताया कि उनके विभाग के ही करीब आठ से दस आॅपरेशन रद्द करने पड़े। कुल मिला कर अस्पताल में करीब 40 आॅपरेशन टलने की खबर मिली है। पटेल चेस्ट अस्पताल में कुल 19 स्थाई नर्सों के अलावा 19 ठेके की नर्से हैं। ठेके पर काम कर रहीं नर्सों के जिम्मे अस्पताल रहा। लालबहादुर शास्त्री अस्पताल की स्थाई नर्सें भी हड़ताल में शामिल रहीं। मरीजों का बोझ दिन चढ़ने के साथ बढ़ता जा रहा था। लेकिन नर्सों ने धरना प्रदर्शन नही छोड़ा।

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