दिल्ली सरकार की ओर से दो हजार सीसी और इससे अधिक की क्षमता वाले डीजल व पेट्रोल के वाहनों का पंजीकरण वाहन के एक्स शोरूम दाम की एक फीसद राशि हरित उपकर के रूप में जमा कराने का आदेश दिया है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को दो हजार सीसी और इससे अधिक क्षमता की कारों और एसयूवी के पंजीकरण पर लगी पाबंदी का आदेश वापस लिया था और वाहन की कीमत का एक फीसद राशि वाहन निर्माता, डीलर या सबडीलर की ओर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा करने पर पंजीकरण की अनुमति दी थी।
पिछले सप्ताह जारी आदेश में दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को राजधानी में इन वाहनों के पंजीकरण का निर्देश दिया था। आदेश में कहा गया कि सभी पंजीकरण प्राधिकारों, मोटर लाइसेंसिंग अधिकारियों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास एक्स शोरूम कीमत का एक फीसद पर्यावरण संरक्षण शुल्क के रूप में जमा करने के साक्ष्य पेश करने पर दो हजार सीसी और इससे अधिक की क्षमता के इंजन वाले डीजल वाहनों, एसयूवी के पंजीकरण का निर्देश दिया जाता है। परिवहन विभाग के आदेश के बाद, आलीशान कारों के निर्माता दो हजार सीसी से अधिक क्षमता वाले वाहन बेच सकेंगे।
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