Friday, September 2, 2016

कश्मीर में मुसलमानों को मिल रहे अल्पसंख्यकों के लाभ, सरकार ने थमाया केंद्र को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक याचिका दायर की गई जिसमें आरोप लगाया गया कि जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों को मिलने वाले लाभ मुस्लिमों को दिए जा रहे हैं जो राज्य में बहुसंख्यक हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, राज्य सरकार और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) से जवाब देने को कहा है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की खंडपीठ ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि न तो राज्य, न ही केंद्र और न ही एनसीएम ने जवाब दाखिल किया है। पीठ ने उनसे छह हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है। अदालत जम्मू के वकील अंकुर शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

जिन्होंने आरोप लगाए कि राज्य में धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों के अधिकार अवैध और स्वेच्छाचारी तरीके से खत्म किए जा रहे हैं क्योंकि ये लाभ उन लोगों को दिए जा रहे हैं जो इनके हकदार नहीं हैं। शर्मा ने कहा कि नियम है कि राज्य की जनसंख्या के आंकड़े के आधार पर अल्पसंख्यक समुदाय पर निर्णय किया जाना है।

सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर अल्पसंख्यक मंत्रालय, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और अन्य को नोटिस जारी कर चुका है। बहरहाल अदालत ने अधिकारियों को राज्य के किसी भी समुदाय को लाभ देने से रोकने से इनकार कर दिया। जनहित याचिका में अल्पसंख्यकों का पता लगाने के लिए राज्य अल्पसंख्यक आयोग के गठन की भी मांग की गई है।

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