हैदराबाद के बाद महाराष्ट्र और बिहार के सियासी समर में उतर चुकी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अब दिल्ली में चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है। उसने अगले साल होने वाले दिल्ली निगम चुनाव लड़ने का फैसला किया है। सांसद असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम ने एमसीडी चुनाव को ध्यान में रखते हुए हाल ही में अपनी प्रदेश इकाई का विधिवत गठन किया और अब निचले स्तर पर संगठन बनाने की तैयारी में है। ओवैसी ने अपनी पार्टी की दिल्ली इकाई का अध्यक्ष आम आदमी पार्टी की अल्पसंख्यक शाखा के पूर्व प्रमुख इरफानुल्ला खान को बनाया है। पार्टी ने इस महीने के आखिर में ओवैसी की एक रैली आयोजित करने की भी योजना बनाई है।
दिल्ली में पिछले साल के विधानसभा चुनाव के बाद आप में लगभग हाशिए पर कर दिए गए इरफानुल्ला खान ने हाल ही में एमआईएमआईएम का दामन थामा। उनका कहना है कि एआईएमआईएम फिलहाल संगठन के विस्तार में जोरशोर से लगी है और अगले साल होने वाले एमसीडी चुनाव में वह पूरी ताकत से लड़ेगी। खान ने कहा, ‘आज के समय में देश के मुसलमान, वंचित वर्ग और दूसरे दबे-कुचले लोग एआईएमआईएम को एक विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। हम इन्हीं वर्गों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में अपनी पार्टी का विस्तार कर रहे हैं। हमारी कोशिश यह है कि एमसीडी चुनाव से पहले बूथ के स्तर पर हमारा संगठन तैयार हो जाए क्योंकि पार्टी ने निगम चुनाव पूरी ताकत से लड़ने का फैसला किया है।’
यह पूछे जाने पर कि एआईएमआईएम महाराष्ट्र की तरह दिल्ली में भी सिर्फ मुस्लिम बहुल इलाकों में चुनाव लड़ेगी तो इरफानुल्ला खान ने कहा, ‘हम सिर्फ मुस्लिम बहुल इलाकों में चुनाव नहीं लड़ेंगे। दिल्ली में 12 सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र हैं और इन इलाकों पर भी हमारी नजर है क्योंकि हमारी कोशिश अल्पसंख्यकों के साथ दलितों और दूसरे वचिंत वर्गों को भी साथ लेने की है।’
कभी हैदराबाद और आसपास के इलाकों तक सिमटी रहने वाली एआईएमआईएम 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उतरी और दो सीटें जीतने में कामयाब रही तथा उसने कई सीटों पर हजारों वोट हासिल किए। माना जाता है कि ओवैसी की पार्टी की वजह से राज्य में कांग्रेस और राकांपा जैसी पार्टियों को नुकसान हुआ क्योंकि इससे पहले तक मुस्लिम मतों का बड़ा हिस्सा इन दोनों पार्टियों के पक्ष में जाता था। बाद में ओवैसी की पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में कुछ सीटों पर किस्मत आजमाई, लेकिन उसे महाराष्ट्र वाली कामयाबी नहीं मिली। अब वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी उतरने की तैयारी में है।
इरफानुल्ला खान ने इस आरोप को भी खरिज किया कि ओवैसी और उनकी पार्टी एक समुदाय विशेष की राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह अजीब बात है। हमारी पार्टी मुस्लिम समुदाय और दूसरे वंचित समुदाय के अधिकारों की बात करती है तो इसमें सांप्रदायिकता क्या है। हकीकत यह है कि एआईएमआईएम के बारे में कुछ तथाकथित सेकुलर पार्टियां दुष्प्रचार करती हैं जो अब तक मुसलमानों को वोटबैंक मानती आई हैं और अब उनको अपना आधार खिसकने का डर सता रहा है।’
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