नगर संवाददाता, नई दिल्ली
साउथ एमसीडी ने डेंगू, चिकनगुनिया के मरीजों के इलाज के लिए अब नई मोबाइल वैंस लॉन्च शुरू करने जा रही है। एमसीडी प्रशासन ने फैसला लिया है कि ऐसे मरीजों का जल्द से जल्द इलाज हो सके। इसके लिए मोबाइल वैंस लॉन्च करने की तैयारी की गई है। इन वैंस में डॉक्टरों के साथ दवाइयां भी उपलब्ध होंगी। यह दवाइयां फ्री में लोगों को दी जाएंगी, जिन भी लोगों के घरों में डेंगू, चिकनगुनिया से पीड़ित मरीज हैं। वहां पर यह मोबाइल वैंस जाएंगी और मरीजों का इलाज किया जाएगा। मरीजों के घर वालों के लिए डॉक्टर्स कॉल पर भी अवेलेबल रहेंगे।
इस तरह की ड्राइव जेजे क्लस्टर, पुनर्वास कॉलोनी और दूसरे प्रभावित इलाकों में शुरू की जाएगी। साउथ एमसीडी के सदन के नेता सुभाष आर्य ने कहा कि एमसीडी 12 मोबाइल वैंस लॉन्च करने जा रही है। यह वैंस मरीजों के घरों पर पहुंच कर उनका इलाज करेंगे। मरीजों को यह ट्रीटमेंट फ्री में मिलेंगे। सोमवार को यह वैंस लॉन्च की जा रही हैं। डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों के देखते हुए यह फैसला लिया गया है। साउथ एमसीडी के निगरानी वाले क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए यह सुविधा शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट इस फैसिलिटी के लिए सभी इंतजाम करेंगे। यह एक तरह से चलती हुई डिस्पेंसरी की तरह होगी।
एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिन भी इलाकों में लोगों को दिक्कतों का सामना होगा, वहां पर तुरंत यह मोबाइल वैंस पहुंचेंगी। जहां पर भी जरूरत पड़ेगी एमसीडी के स्टाफ मरीजों को हॉस्पिटल भी रेफर करेंगे। साउथ एमसीडी का कहना है कि लोग घरों में ब्रीडिंग चेक करने के लिए एमसीडी स्टाफ को घुसने नहीं दे रहे हैं। एमसीडी ने लोगों से अपील की है कि वे चेकिंग करने से एमसीडी स्टाफ को न रोकें। साथ ही यह भी कहा गया है कि स्टाफ के गले में ऑफिशियल आई कार्ड होगा। इसके साथ ही कर्मचारी डेंगू के लार्वा की चेकिंग करेंगे। साथ ही एमसीडी ने जिस भी एरिया में अब तक ब्रीडिंग की चेकिंग की है, उसकी भी डिटेल रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इससे एमसीडी को जानकारी मिल सकेगी कि वह किस वॉर्ड में कितनी बार चेकिंग करने के लिए गए हैं।
साउथ एमसीडी कमिश्नर डॉ. पुनीत कुमार गोयल ने लोगों से अपील की है कि वे एमसीडी स्टाफ को मच्छरों की ब्रीडिंग चेक करने दें। रेजिडेंट्स से अपील की गई है कि वह एमसीडी के डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स और फील्ड वर्कर्स को अपने घरों और छतों पर जाने दें। छतों और घरों के आसपास के एरिया में फील्ड स्टाफ के लिए चेकिंग करना जरूरी है। सिक्योरिटी के हिसाब से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। साउथ एमसीडी के स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन शैलेंद्र सिंह ने बताया कि एमसीडी स्टाफ को निर्देश दिया गया है कि वह अपने गले में आई कार्ड टांगें। डेंगू के लार्वा से जुड़ी कंप्लेंट पर जल्द एक्शन लेकर शिकायत दूर करने के भी निर्देश एमसीडी स्टाफ को दिए गए हैं।
साउथ एमसीडी ने डेंगू, चिकनगुनिया के मरीजों के इलाज के लिए अब नई मोबाइल वैंस लॉन्च शुरू करने जा रही है। एमसीडी प्रशासन ने फैसला लिया है कि ऐसे मरीजों का जल्द से जल्द इलाज हो सके। इसके लिए मोबाइल वैंस लॉन्च करने की तैयारी की गई है। इन वैंस में डॉक्टरों के साथ दवाइयां भी उपलब्ध होंगी। यह दवाइयां फ्री में लोगों को दी जाएंगी, जिन भी लोगों के घरों में डेंगू, चिकनगुनिया से पीड़ित मरीज हैं। वहां पर यह मोबाइल वैंस जाएंगी और मरीजों का इलाज किया जाएगा। मरीजों के घर वालों के लिए डॉक्टर्स कॉल पर भी अवेलेबल रहेंगे।
इस तरह की ड्राइव जेजे क्लस्टर, पुनर्वास कॉलोनी और दूसरे प्रभावित इलाकों में शुरू की जाएगी। साउथ एमसीडी के सदन के नेता सुभाष आर्य ने कहा कि एमसीडी 12 मोबाइल वैंस लॉन्च करने जा रही है। यह वैंस मरीजों के घरों पर पहुंच कर उनका इलाज करेंगे। मरीजों को यह ट्रीटमेंट फ्री में मिलेंगे। सोमवार को यह वैंस लॉन्च की जा रही हैं। डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों के देखते हुए यह फैसला लिया गया है। साउथ एमसीडी के निगरानी वाले क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए यह सुविधा शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट इस फैसिलिटी के लिए सभी इंतजाम करेंगे। यह एक तरह से चलती हुई डिस्पेंसरी की तरह होगी।
एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिन भी इलाकों में लोगों को दिक्कतों का सामना होगा, वहां पर तुरंत यह मोबाइल वैंस पहुंचेंगी। जहां पर भी जरूरत पड़ेगी एमसीडी के स्टाफ मरीजों को हॉस्पिटल भी रेफर करेंगे। साउथ एमसीडी का कहना है कि लोग घरों में ब्रीडिंग चेक करने के लिए एमसीडी स्टाफ को घुसने नहीं दे रहे हैं। एमसीडी ने लोगों से अपील की है कि वे चेकिंग करने से एमसीडी स्टाफ को न रोकें। साथ ही यह भी कहा गया है कि स्टाफ के गले में ऑफिशियल आई कार्ड होगा। इसके साथ ही कर्मचारी डेंगू के लार्वा की चेकिंग करेंगे। साथ ही एमसीडी ने जिस भी एरिया में अब तक ब्रीडिंग की चेकिंग की है, उसकी भी डिटेल रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इससे एमसीडी को जानकारी मिल सकेगी कि वह किस वॉर्ड में कितनी बार चेकिंग करने के लिए गए हैं।
साउथ एमसीडी कमिश्नर डॉ. पुनीत कुमार गोयल ने लोगों से अपील की है कि वे एमसीडी स्टाफ को मच्छरों की ब्रीडिंग चेक करने दें। रेजिडेंट्स से अपील की गई है कि वह एमसीडी के डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स और फील्ड वर्कर्स को अपने घरों और छतों पर जाने दें। छतों और घरों के आसपास के एरिया में फील्ड स्टाफ के लिए चेकिंग करना जरूरी है। सिक्योरिटी के हिसाब से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। साउथ एमसीडी के स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन शैलेंद्र सिंह ने बताया कि एमसीडी स्टाफ को निर्देश दिया गया है कि वह अपने गले में आई कार्ड टांगें। डेंगू के लार्वा से जुड़ी कंप्लेंट पर जल्द एक्शन लेकर शिकायत दूर करने के भी निर्देश एमसीडी स्टाफ को दिए गए हैं।
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