नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश में बारह साल पहले हुए सड़क हादसे में अपने माता-पिता और एक बड़ी बहन को खोने वाले दो भाइयों को मोटर ऐक्सिडेंट क्लेम ट्राइब्यूनल (एमएसीटी) ने 2.2 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
ट्राइब्यूनल के प्रिजाइडिंग ऑफिसर अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को संदीप और सुमित तोमर को दिसंबर 2004 में उनके 47 साल के पिता सत्यबीर सिंह की मौत की घटना के मामले में ब्याज समेत 2,21,63,491 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। ऐक्सिडेंट करने वाले टैंकर का बीमा इसी कंपनी से था। तोमर भाई वेस्ट दिल्ली के जनकपुरी इलाके के रहने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुए इस हादसे में ट्राइब्यूनल ने तेज गति से आ रहे टैंकर के ड्राइवर को दोषी पाया था। हादसे में दिल्ली की तोमर कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक सत्यवीर सिंह तोमर समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के वक्त तोमर के दोनों बेटों की उम्र 18 और 21 साल थी। ट्राइब्यूनल ने पाया कि इस हादसे के कारण उनमें से एक भाई को ऑस्ट्रेलिया में आगे की पढ़ाई करने या टेम्परेरी नौकरी करने की बजाय मजबूरन भारत में रहना पड़ा। ट्राइब्यूनल ने आदेश में कहा है कि हादसे के वक्त 18 और 21 साल की उम्र के याचिकाकर्ताओं के पास इतना अनुभव नहीं था कि वे अपने पिता के कारोबार को संभाल पाते।
हादसा 30 दिसंबर 2004 को हुआ था। संदीप अपने पिता सत्यबीर, मां, बहन और दादी के साथ उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से शामली जा रहे थे। रात के नौ बजे उनकी कार को सामने से आ रहे टैंकर ने टक्कर मार दी। हादसे में संदीप को गंभीर चोटें आई थी जबकि उनकी मां, बहन और ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई। अस्पताल पहुंचाए जाने के बाद उनके पिता की भी मौत हो गई थी।
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