Monday, August 1, 2016

राज्यसभा में उठा बिहार के नौ मजदूरों की मौत का मुद्दा

पुणे में एक निर्माणाधीन इमारत में हुई दुर्घटना में बिहार के नौ श्रमिकों की मौत का मुद्दा सोमवार को राज्यसभा में उठा। जदयू के एक सदस्य ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिए जाने की मांग की। शून्यकाल में जदयू नेता शरद यादव और उनकी ही पार्टी के अली अनवर अंसारी ने यह मुद्दा उठाया। शरद यादव ने कहा कि देश में बेरोजगारी की स्थिति काफी गंभीर हो गई है और श्रम कानून अप्रभावी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर जगह ठेके पर श्रमिकों की नियुक्ति की जा रही है। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था और उसे अपना वादा पूरा करना चाहिए।

अंसारी ने पुणे की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सभी पीड़ित बिहार के समस्तीपुर जिले के थे। उन्होंने कहा कि वहां अवैध निर्माण हो रहा था। उन्होंने मांग की कि सभी पीड़ितों के परिवार को दस-दस लाख रुपए का मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने जेद्दा में बिहार के 700 लोगों के फंसे होने का भी मुद्दा उठाया और कहा कि उनके नियोक्ताओं ने महीनों से वेतन नहीं दिया है जिससे वे लोग खाना तक के लिए मोहताज हो गए हैं।

उन्होंने बेरोजगारी को जड़ से दूर करने की जरूरत पर बल दिया। शून्यकाल में ही सपा के राम गोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में बाढ़ के कारण पैदा हुई गंभीर स्थिति का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले चार- पांच दिनों में भारी बारिश से गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर सहित विभिन्न जिलों में स्थिति गंभीर हो गई है। बड़ी संख्या में बस्तियां प्रभावित हुई हैं और लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। राम गोपाल यादव ने नेपाल से आने वाली नदियों के कारण बाढ़ की स्थिति और गंभीर होने का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र को उत्तर प्रदेश सरकार को मदद करनी चाहिए। आर्थिक सहायता के लिए प्रक्रिया में ही समय लग जाता है। जदयू के शरद यादव ने इस क्रम में बिहार में बाढ़ का जिक्र किया। वहीं कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने पिछले दिनों गुड़गांव में लगे भारी जाम का मुद्दा उठाया और कहा कि लोग उसे गुरुजाम कह रहे हैं।

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