Tuesday, August 30, 2016

दिल्ली: एलजी नजीब जंग ने किए अधिकारियों के तबादले, सीएम केजरीवाल बोले- पीएम मोदी दिल्ली को कर रहे हैं तबाह

दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा राज्य के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली को तबाह करने का पक्का इरादा कर चुके हैं। नजीब जंग ने तरुण सीम की जगह आइएसएस अधिकारी चंद्राकर भारती को स्वास्थ्य सचिव बनाया है। वहीं गैर आइएएस पृष्ठिभूमि के अधिकारी सर्वज्ञ श्रीवास्तव की जगह अश्विनी कुमार को पीडब्लूडी विभाग का नया सचिव बनाया गया है। राज निवास ने कहा है कि इन दोनों
अधिकारियों की पोस्टिंग गैरकानूनी और भारत सरकार के कैडर नियम के खिलाफ थी।  उपराज्यपाल के इस कदम के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों ने एलजी के इस फैसले को राज्य की महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं को ठप करने के इरादे से लिया गया फैसला बताया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल से अपील की थी कि महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं से जुड़े इन दो अधिकारियों को 31 मार्च तक न हटाया जाए।

उपराज्यपाल के इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा, ‘मनीष एलजी के पैरों में पड़े कि मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल बनाने वाले सचिवों को 31 मार्च तक न हटाएं। पर वो नहीं माने।’ केजरीवाल ने पूछा, ‘एलजी ने आज कई अधिकारियों का तबादला कर दिया। इसके फाइल न तो मुख्यमंत्री को दिखाई गई न ही किसी अन्य मंत्री को। क्या यह मोदी के मॉडल का लोकतंत्र है? दिल्ली में 3 सीट मिलने वाले मोदी जी अब दिल्ली सरकार चलाएंगे? 67 सीट वाली आप अब विपक्ष?’  वहीं राजनिवास की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘सर्वज्ञ श्रीवास्तव और तरुण सीम की पोस्टिंग गैरकानूनी और भारत सरकार के कैडर नियमों के विरूद्ध थी। दिल्ली सरकार को बार-बार सलाह देने के बावजूद सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई। तरुण सीम एक आइआरएस अधिकारी थे। इस नाते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार में उनकी पोस्टिंग ही वैधानिक नहीं थी क्योंकि इसके लिए उपराज्यपाल की मंजूरी नहीं ली गई थी। दोनों के पास अतिरिक्त प्रभार के रूप में ये पद (पीडब्लूडी और स्वास्थ्य सचिव) थे जो इस नियम का उलंघन था कि कैडर पोस्ट पर नॉन कैडर अधिकारी तीन महीने से ज्यादा नहीं रह सकते हैं।’ बयान में कहा गया है कि चूंकि दिल्ली सरकार ने एलजी आॅफिस के सलाह के बावजूद गड़बड़ियां नहीं सुधारीं इसलिए सिविल सर्विसेज बोर्ड (जिसमें मुख्य सचिव, सचिव-सेवा और सचिव-वित्त होते हैं) ने उपयुक्त कैडर अधिकारियों की इन दोनों पदों (सचिव-पीडब्लूडी और सचिव-स्वास्थ्य) नियुक्ति की अनुसंशा की। उपराज्यपाल ने यह भी कहा है कि पिछले डेढ़ साल में दिल्ली की सरकार ने 300 से ज्यादा आइएएस और दानिक्स अधिकारियों का तबादला किया है।

उपराज्यपाल की दलीलों को खारिज करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि नियमों के मुताबिक यदि नॉन कैडर अधिकारी को एक निश्चित समय बाद पद पर रखना है तो केंद्र की अनुमति से ऐसा किया जा सकता है। सिसोदिया ने कहा,‘मैंने उपराज्यपाल से अनुरोध किया था कि वे इस संबंध में केंद्र को लिखकर इन अधिकारियों को अपने पदों पर बने रहने दें। माना कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद सेवा उपराज्यपाल के पास है, वो दिल्ली के प्रशासनिक प्रमुख हैं, लेकिन क्या दिल्ली का प्रशासन उन्हें दिल्ली की जनता का काम रोकने के लिए दिया गया है। हमने तो दो अधिकारी मांगे थे, उनके पास कुल 80 आइएएस अधिकारी हैं, बाकि को जहां चाहें पोस्टिंग दें।’ उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि एलजी, मोदी के आदेश पर ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अब यदि मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल बनाने के महत्त्वपूर्ण काम पूरे नहीं होते हैं तो इसके लिए सीधे मोदी जिम्मेदार होंगे।

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी के प्रशासनिक प्रमुख उपराज्यपाल ही हैं। इसके बाद जंग की ओर से लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी), पर्यावरण विभाग और स्वास्थ्य विभाग में किया गया यह पहला महत्त्वपूर्ण फेरबदल है। चंद्राकर भारती को स्वास्थ्य सचिव बनाए जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं। पर्यावरण सचिव रहे भारती के खिलाफ उपमुख्यमंत्री ने चीनी मांझे संबंधी फाइल को देर करने का आरोप लगाते हुए एलजी से कार्रवाई की मांग की थी।  इससे पहले मंगलवार को एक अन्य आदेश में एलजी ने आप सरकार के पिछले सभी आदेशों को निरस्त करते हुए आइएएस अधिकारियों, दानिक्स और डीएएसएस कैडर के अधिकारियों, प्रधान निजी सचिवों की नियुक्ति और तबादले के लिए स्वीकृति प्राधिकारी बना दिए थे। आदेश में जंग ने कहा था कि आइएएस, दानिक्स, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों, केंद्रीय सिविल सेवाओं के समकक्ष अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले के लिए स्वीकृति प्राधिकारी एलजी ही होंगे। हालांकि डीएएसएस के प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों, प्रधान निजी सचिवों, वरिष्ठ व्यक्तिगत सहायकों के लिए स्वीकृति प्राधिकारी मुख्य सचिव होंगे।

 

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