दिल्ली जल बोर्ड ने ‘जल अधिकार कनेक्शन’ नाम की नई नीति को मंजूरी दी है। जल आपूर्ति मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि इस नीति के तहत सभी झुग्गी-झोपड़ियों और जेजे बस्तियों में लोगों का अपना पानी का कनेक्शन होगा, साथ ही उन सभी के पास अपना कनेक्शन होगा जिनके पास पहचान पत्र तो है, लेकिन अपने घर का मालिकाना हक नहीं है या वे किराए पर रहते हैं। इसके साथ ही जल बोर्ड ने कमर्शियल कनेक्शन पर 30 नवंबर तक ‘लेट पेमेंट सरचार्ज’ माफ करने का फैसला लिया है। दिल्ली जल बोर्ड की सोमवार को हुई 128वीं बैठक में जल अधिकार कनेक्शन नाम की नई नीति को मंजूरी दी गई, जिसके तहत केवल पहचान पत्र के आधार पर कनेक्शन दिया जाएगा और रिहायशी स्थिति को नहीं देखा जाएगा। जल आपूर्ति मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक फैसला है, जिसके तहत झुग्गी-झोपड़ियों और जेजे कॉलिनियों में हर घर में पानी का कनेक्शन होगा।’
दिल्ली में करीब 500 जेजे कलस्टर कालोनियां हैं जहां अभी तक केवल सामुदायिक नल देने की योजना थी। कपिल मिश्रा ने कहा, ‘यह नीति जेजे कालोनियों से बाहर ग्रामीण इलाकों और अन्य जगहों पर भी लागू होगी।’ अगर किसी ग्रामीण के पास अपने घर का मालिकाना हक नहीं है तो भी वह खसरा संख्या या पहचान पत्र दिखाकर कनेक्शन ले सकता है। इसके साथ ही नए बने घरों में जहां केवल बिजली मीटर हैं, पर मालिकाना हक नहीं है, या कोई किराएदार है तो वह भी पहचान दिखाकर पानी का अलग कनेक्शन ले सकता है। वहीं बेसमेंट में रहने वाले भी कनेक्शन ले सकते हैं, बशर्ते वे सीवर निकासी की व्यवस्था कर सकें। जल बोर्ड इन कनेक्शनों के लिए जहां पाइप लाइन नहीं है, वहां पाइप लाइन बिछाएगा।
दिल्ली जल बोर्ड ने कमर्शियल कनेक्शन के लिए अगले तीन महीने तक लेट पेमेंट सरचार्ज माफ करने का फैसला भी किया है। अगर, तीन महीने के भीतर मूल बिल का भुगतान जमा कर दिया जाता है तो लेट पेमेंट सरचार्ज नहीं लिया जाएगा। कपिल मिश्रा ने कहा, ‘बोर्ड के पास 1900 करोड़ रुपए का बकाया है जिसमें से इस फैसले के तहत 1100 करोड़ रुपए माफ किए जा रहे हैं और करीब 750 करोड़ रुपए जल बोर्ड को मिलेंगे। इससे कमर्शियल कनेक्शन वाले कई हजार उपभोक्ताओं को फायदा होगा, उन पर गैरकानूनी होेने की जो तलवार लटक रही थी उससे निजात मिलेगी।’ इसके साथ ही जल बोर्ड ने छोटे होटल और रेस्तरां के सीवर पर लगने वाले शुल्क पर लेट पेमेंट सरचार्ज माफ करने का भी फैसला किया है।
बोर्ड ने दिल्ली के 21 जलाशयों की पहचान कर उसे पुनर्जीवित करने का भी फैसला किया है जिसके लिए तीन डेडिकेटेड इंजीनियर तैनात किए जाएंगे। साथ ही बोर्ड ने अपनी खाली जमीन या प्रॉपर्टी पर सौर ऊर्जा संयत्र लगाने संबंधी नीति पर भी फैसला किया जिसके तहत 16 मेगावाट के ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। बोर्ड को यह बिजली अगले 25 सालों तक 4.49 रुपए प्रति यूनिट की दर पर मिलेगी। परियोजना के दो साल के भीतर तैयार किया जाना है। जल बोर्ड ने देश के सबसे बड़े और सस्ते सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को भी मंजूरी दी। यमुना की सफाई के लिए 70 एमजीडी के इस प्लांट की स्थापना कोरोनेशन पिलर पर की जाएगी। बोर्ड ने महरौली-वसंत विहार प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दे दी जिससे उस क्षेत्र में 24 घंटे जल आपूर्ति होगी।
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