Tuesday, August 2, 2016

वाराणसी में रोड शो के दौरान सोनिया गांधी को आया बुखार, दिल्ली लौटीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मंगलवार को हुए कांग्रेस के जोरदार रोड शो के खत्म होने से कुछ देर पहले पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बेचैनी की शिकायत की। इसके बाद उन्हें यह कार्यक्रम छोड़कर वाराणसी से रवाना होना पड़ा। सोनिया को लेकर विमान मंगलवार देर रात दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचा। हवाई अड्डे पर उनकी पुत्री प्रियंका गांधी, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य लोग मौजूद थे।

इससे पहले वाराणसी में, सर्किट हाउस से इंग्लिशिया लाइन तक कांग्रेस के आठ किलोमीटर लंबे रोड शो में बड़ी तादाद में समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी के गढ़ से पार्टी के चुनाव प्रचार की शुरुआत के लिए आयोजित आठ किलोमीटर लंबे रोड शो की अगुआई करने वाली 69 साल की सोनिया को दिल्ली लौटना पड़ा। तबीयत खराब होने की वजह से सोनिया के काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करने का पहले से तय कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि सोनिया वायरल बुखार से जूझ रही थीं। इसके बावजूद उन्होंने रोड शो करने का फैसला किया क्योंकि वह आखिरी वक्त में इसे रद्द नहीं करना चाहती थीं।

कचहरी स्थित आंबेडकर पार्क की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष का सैकड़ों गाड़ियों का काफिला नदेसर होते हुए सिटी स्टेशन, आदमपुर, विशेशरगंज, मैदागिन पहुंचा। वहां सोनिया गांधी ने राजीव गांधी की मूर्ति पर फूल चढ़ाए। वहां से उनका काफिला कबीरचौरा पिपलानी कटरा होते हुए लहुराबीर पहुंचा। वहां उन्होंने सुभाष चंद्र आजाद की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। वहां से वे मलदहिया पहुंचीं। वहां उनकी तबीयत खराब हुई तो उन्हें एसपीजी के घेरे में एक होटल में ले जाया गया। होटल में उन्होंने करीब एक घंटे तक विश्राम किया। डॉक्टरों की सलाह पर उन्होंने रोड शो को स्थगित कर दिया और बाकी के कार्यक्रम रद्द कर दिए। उनका इंग्लिशिया लाइन में कमलापति त्रिपाठी की मूर्ति पर माल्यार्पण, आमसभा को संबोधित करने और बाबा विश्वनाथ मंदिर के दर्शन का कार्यक्रम था। लेकिन वे शाम सात बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गईं।

उन्होंने इस पवित्र शहर की गलियों और संकरे मार्गों से सफर तय किया। सोनिया शुरू में कार में सफर कर रही थीं लेकिन बाद में एक वाहन में सवार हुईं जिसकी छत खुली हुई थी। उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाती हुई जनता का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। वे मुसलिम महिलाओं के समूह सहित समर्थकों का अभिवादन स्वीकार करने के लिए कई बार वाहन से बाहर निकलीं। रोड शो कई इलाकों से होकर गुजरा। सोनिया और उनके काफिले पर आसपास के भवनों से गुलाब के फूल बरसाए गए।

रोड शो के दौरान पीलीकोठी, लहुराबीर और कबीरचौरा में कांग्रेस ने छोटे-छोटे मंच बनाए थे। इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि यूपी की कानून व्यवस्था बेहद खराब है। उन्होंने पूछा कि क्या काशी, क्योटो बन गया है। उन्होंने गंगा सफाई अभियान पर भी सवाल उठाए। सर्किट हाउस से लेकर इंग्लिशिया लाइन तक आठ किलोमीटर लंबा यह रोड शो करीब तीन घंटे तक चला। इसमें कांग्रेस के हजारों समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

कई मिनी ट्रकों पर पोस्टरों पर नारे लगे थे ‘27 साल, यूपी बेहाल’। सैकड़ों कार्यकर्ताओं के हाथों में यही नारे लिखी हुई तख्तियां थीं। पार्टी के मुख्यमंत्री पद की दावेदार शीला दीक्षित, कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद, प्रदेश प्रमुख राजबब्बर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी और संजय सिंह भी सोनिया के साथ थे।

नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में दिन भर के कार्यक्रम के लिए सोनिया के यहां पहुंचने पर कांग्रेस नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। हवाई अड्डे से शहर के मध्य तक सैकड़ों मोटरसाइकिल सवार कार्यकर्ताओं ने पार्टी का झंडा लहराकर उनका स्वागत किया।
मई 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह सोनिया का पहला वाराणसी दौरा था। रोड शो में सोनिया के बीमार पड़ने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। मोदी ने ट्वीट किया, ‘आज सोनिया जी के वाराणसी दौरे के दौरान उनकी खराब सेहत के बारे में सुना। मैं उनके जल्द स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।’

कांग्रेस ने वाराणसी में विकास की कमी को उजागर करने के लिए ‘दर्द-ए-बनारस’ अभियान की शुरुआत की है। मोदी यहां से सांसद हैं। कांग्रेस 27 साल से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर है। वह ‘27 साल, यूपी बेहाल’ के नारे के साथ दर्शा रही है कि राज्य की स्थिति बद से बदतर हो गई है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश में वाराणसी मुख्य स्थान है। राज्य के 403 विधानसभा क्षेत्रों में से 160 पूर्वी उत्तर प्रदेश में पड़ते हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने केवल दो सीटों, अमेठी और रायबरेली पर जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा और उसकी सहयोगी अपना दल को 80 में से 73 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का असर 2019 के लोकसभा चुनाव पर भी होगा। विधानसभा चुनाव में सहायता के लिए यूपीसीसी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का सहयोग लिया है। किशोर ने लोकसभा चुनाव में मोदी के लिए चुनावी रणनीति बनाई थी। उसके बाद उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के लिए रणनीति बनाई।

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