Saturday, August 27, 2016

भाजपा की मांग, सीएजी रिपोर्ट को जनता के सामने रखे केजरीवाल सरकार

प्रदेश भाजपा ने दिल्ली सरकार को चुनौती दी है कि वह विज्ञापनों पर आई सीएजी की रिपोर्ट को जनता के सामने रखे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय और नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भाजपा कार्यकर्ता विज्ञापन पर आई सीएजी रिपोर्ट को लेकर अपने क्षेत्रों के आरडब्लूए के पास जाएंगे और उनके माध्यम से पैसे के दुरुपयोग के इस मामले को जनता के बीच रखेंगे। प्रेस कांफ्रेंस में विधायक ओम प्रकाश शर्मा, जगदीश प्रधान और मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर भी मौजूद थे। सतीश उपाध्याय ने कहा कि अगर केजरीवाल सरकार ने अगले 2-4 दिन में सीएजी रिपोर्ट पर विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की घोषणा नहीं की तो भाजपा जंतर-मंतर पर एक लोक विधानसभा का आयोजन करेगी।उन्होंने कहा कि 2010 से शुक्रवार के विधानसभा सत्र तक सीएजी रिपोर्ट को अपना धर्म बताने वाले और पारदर्शी सरकार के वादे करने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया न सिर्फ सदन में सीएजी रिपोर्ट रखने से पीछे हट रहे हैं, बल्कि यह भी कह रहे हैं कि विजेंद्र गुप्ता तक सीएजी रिपोर्ट कैसे पहुंची, इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएजी रिपोर्ट पर केजरीवाल सरकार की बौखलाहट का कारण यह है कि इससे जनता को पता चल गया है कि सरकार ने विज्ञापन का पैसा अन्य राज्यों में अपने राजनीतिक विकास पर खर्च किया है।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने दिल्ली सरकार की साल 2015-16 के दौरान की गई वित्तीय अनियमितताओं की आॅडिट रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी, लेकिन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस रिपोर्ट को जान-बूझकर सदन में पेश नहीं किया और झूठ बोला कि सरकार को यह रिपोर्ट मिली ही नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार विज्ञापन व अन्य घोटालों को जनता के सामने आने नहीं देना चाहती थी, इसीलिए चर्चा से बचने के लिए सिसोदिया ने सदन को गुमराह किया। नियमानुसार इस रिपोर्ट को सदन में पेश करके उस पर चर्चा कराना सरकार के लिए अनिवार्य है। गुप्ता ने कहा कि सरकार अपने घोटाले को छिपाने के लिए सीएजी रिपोर्ट सदन में पेश करने से भाग रही है, लेकिन भाजपा उसे भागने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सीएजी रिपोर्ट उन तक कैसे पहुंची इसकी जांच कराना चाहती है तो वह यह जान ले कि सीएजी के मीडिया सलाहकार बीएस चौहान ने प्रेस कांफ्रेंस करके यह बात जगजाहिर की थी कि सीएजी की आॅडिट रिपोर्ट 22 अगस्त को ही प्रमुख सचिव राजस्व को सौंप दी गई है।

समाचार चैनलों ने 23 अगस्त की शाम को ही सीएजी रिपोर्ट जारी करके दिल्ली सरकार की ओर से भारी वित्तीय अनियमितताएं करने की जानकारी जनता को दे दी थी। गूगल ने भी 23 अगस्त को ही सीएजी की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध करा दी थी।  गुप्ता ने कहा कि 24 अगस्त को जब उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री से यह रिपोर्ट मिलने की जानकारी मांगी, तब उपमुख्यमंत्री ने सदन में झूठ बोला कि उन्हें रिपोर्ट नहीं मिली है। ऐसा करके उन्होंने सदन के विशेषाधिकार का हनन किया है और अपने दायित्वों का संवैधानिक निर्वहन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला सदन की विशेषाधिकार समिति के सामने दर्ज किया जाना चाहिए। यहां सरकार उल्टा ही नेता प्रतिपक्ष पर विशेषाधिकार हनन का मामला दर्ज कराने की बात कह कर उनको हतोत्साहित करना चाहती है।

 

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