Wednesday, August 3, 2016

दिल्‍ली सरकार ने हाईकोर्ट को दी गलत जानकारी, अदालत ने लगाई लताड़

दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में सिर पर मैला ढोने की प्रथा होने को ‘‘कलंक’’ बताया है जबकि कानून में ऐसा करना प्रतिबंधित है। न्यायालय ने कहा, ‘‘हमारा गरीबों का एक देश है लेकिन गरीबों के लिए नहीं है।’’ न्यायमूर्ति बदर दुरेज अहमद और न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार ने कहा, ‘‘संबंधित अधिकारियों ने बयान दिया कि दिल्ली में सिर पर मैला ढोने की प्रथा नहीं है। लेकिन दिल्ली राज्य कानूनी सेवाएं प्राधिकार की रिपोर्ट दर्शाती है कि महानगर में सिर पर मैला ढोने वाले 233 लोग हैं।’’ इसने कहा, ‘‘दिल्ली जल बोर्ड, एमसीडी और अन्य संबंधित अधिकारियों के बयान को यह पूरी तरह झुठलाता है। इस अधिकार के बावजूद कि उन्हें (सिर पर मैला ढोने वालों को) कानूनन इस कार्य से रोका गया है लेकिन उनसे ऐसा कार्य कराना महानगर के लिए वास्तव में कलंक की बात है।’’

दिल्‍ली सरकार को अदालतों ने पहले भी फटकारा है। जुलाई में दिल्ली की आप सरकार को करारा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने दिल्ली हाईकोर्ट केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच शक्तियों के विवाद पर फैसला देने से रोक की मांग की थी। जस्टिस दीपक मिश्रा और यूयू ललित की पीठ ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से कहा कि आप स्वयं ही अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट गए थे और जब वहां सुनवाई में देरी हो रही थी और आप सुप्रीम कोर्ट आए थे। हमने पाया है कि 12 अप्रैल को एक आदेश में हमने दिल्ली हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि आपका मामला जल्द सुने और जुलाई तक निपटा दे। हमने यह भी कहा था कि हम सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट बुला लेते हैं लेकिन उस समय आपके वकील ने कहा कि नहीं, दिल्ली हाईकोर्ट को ही निर्णित करने दीजिए। अब जब वह निर्णित कर रहा है तो आप सुप्रीम कोर्ट आ गए।

The post दिल्‍ली सरकार ने हाईकोर्ट को दी गलत जानकारी, अदालत ने लगाई लताड़ appeared first on Jansatta.


Read more: दिल्‍ली सरकार ने हाईकोर्ट को दी गलत जानकारी, अदालत ने लगाई लताड़