Thursday, July 7, 2016

रेप में दोषी करार, लेकिन HC ने छेड़छाड़ माना

नई दिल्ली
'रेप' के मामले में निचली अदालत से दोषी करार दिए शख्स को दिल्ली हाई कोर्ट ने 'छेड़छाड़' मामले में दोषी माना है। 12 साल पहले 6 साल की लड़की से रेप मामले में आरोपी को निचली अदालत ने दोषी करार दिया था। हाई कोर्ट ने कहा कि घटना के वक्त लड़की 6 साल की थी लेकिन अदालत में बयान के वक्त 14 साल की थी। उसने रेप का आरोप लगाया लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में इंजूरी की पुष्टि नहीं हुई थी। लड़की के पिता के बयान में भी नहीं कहा गया था कि उसकी बेटी के साथ रेप हुआ है। हाई कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने इन तथ्यों को नजरअंदाज कर दिया। दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपी को रेप मामले में बरी कर दिया लेकिन छेड़छाड़ में दोषी करार देते हुए उसके जेल में बिताए गए समय को सजा माना।

यह मामला महिपालपुर का है। आरोपी लड़की के पड़ोस में किराएदार था। लड़की के पिता ने बयान दर्ज कराया कि उसकी बेटी के साथ पड़ोसी ने उसके साथ छेड़छाड़ की है। पुलिस ने जून 2004 में छेड़छाड़ का केस दर्ज किया। लड़की का मेडिकल टेस्ट कराया गया। मेडिकल में कहा गया कि लड़की को कोई इंजूरी नहीं है। लड़की के पिता ने यह बताया था कि लड़की ने तब यही बयान भी दिया था पड़ोसी ने उसके अंडर गार्मेंट उतारे थे।

मामले में जब लड़की ने मैजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया था तब उसने कहा था कि आरोपी ने उसके साथ गलत व्यवहार किया था। मैजिस्ट्रेट के सामने वह बयान दर्ज कराने के वक्त संकोच में थी तब मैजिस्ट्रेट ने उससे कहा कि वह कागज पर लिखकर बताए कि उसके साथ क्या हुआ था और लड़की को कागज पेन उपलब्ध कराया गया। तब उसने बयान में लिखकर कहा कि उसके साथ रेप हुआ है। सेशन कोर्ट में भी लड़की ने यही बयान दिया था। बयान के वक्त लड़की की उम्र 14 साल की थी जबकि घटना के वक्त वह सिर्फ 6 साल की थी। इस मामले में गवाहों के बयान दोबारा दर्ज किए गए और सेशन कोर्ट ने आरोपी को रेप मामले में दोषी करार दिया।

उसके बाद मामला दिल्ली हाई कोर्ट में आया। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि मामले में यह देखना होगा कि रेप साबित होता है या नहीं। घटना के वक्त लड़की 6 साल की थी और बयान के वक्त 14 साल की हो गई थी। बयान के दौरान जब उससे पूछा गया कि क्या वह रेप के बारे में जानती थी तब उसने कहा हां वह रेप जानती थी। लेकिन एमएलसी रिपोर्ट इसके विपरीत है क्योंकि इस मामले में ऐसा कोई संकेत नहीं मिलता। हाई कोर्ट ने आरोपी को छेड़छाड़ में दोषी माना लेकिन रेप में बरी कर दिया। आरोपी इस दौरान 4 साल तीन महीने जेल काट चुका है अदालत ने इस अवधि को सजा माना।

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