भारत समेत कई देशों के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और नागरिक संगठनों के 400 से ज्यादा सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लॉयर्स कलेक्टिव पर विदेशी अनुदान हासिल करने पर लगाई गई रोक हटाने की मांग की है। अपील करने वालों में ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति फर्नांडो एच कारडोजा, अंतरराष्ट्रीय ख्याति के कलाकार अनीश कपूर, यूरोप और मध्य एशिया में एचआइवी-एड्स के संयुक्त राष्ट्र में विशेष दूत प्रोफेसर मिचेल काजाटस्किन, धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राष्ट्र की पूर्व विशेष दूत और पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की अध्यक्ष अस्मा जहांगीर शामिल हैं।
गैरसरकारी संगठनों के साझा मंच की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री को लिखे खत में इन लोगों ने मांग की है कि भारतीय संविधान के मुताबिक ही समाज के हाशिए के लोगों के अधिकारों को बढ़ाने के लिए लगातार अहम काम कर रहा है, इसलिए उसे काम जारी रखने की स्वतंत्रता और स्पेस मिलना चाहिए। लॉयर्स कलेक्टिव पर से रोक हटनी चाहिए। भारत के नागरिक संगठन, आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरण और सांस्कृतिक अधिकारों की वकालत करने वालों ने सरकार से फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने कहा है कि मानवाधिकार संगठन पर पाबंदी लगाना अभिव्यक्ति और संघ की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है।
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