Friday, July 8, 2016

केन्द्र दिल्ली टकराव: हाई कोर्ट ने आप सरकार की याचिका पर सुनवाई करने से किया इनकार

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली सरकार का यह आग्रह स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि दिल्ली उच्च न्यायालय को पहले यह फैसला करने के लिए कहा जाए कि क्या केन्द्र और राज्य के बीच के विवाद उसके न्यायक्षेत्र में आते हैं या यह ‘‘केवल’’ उच्चतम न्यायालय के दायरे में आता है। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली सरकार से यह भी कहा कि वह तब ही शीर्ष न्यायालय का रूख करें जब दिल्ली उच्च न्यायालय इस प्राथमिक मुद्दे समेत सभी मुद्दों पर फैसला कर ले कि क्या विवाद उसके न्यायक्षेत्र में है।

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति यूयू ललित की खंडपीठ ने कहा कि जब उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई की है और न्यायक्षेत्र के प्राथमिक मुद्दे समेत तमाम मुद्दों पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है तो तमाम मुद्दों पर उच्च न्यायालय के फैसले के बाद दिल्ली सरकार उसके समक्ष मामला पेश करे। आप सरकार की अपील निबटाते हुए खंडपीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय एक ‘‘संवैधानिक अदालत’’ है और उसे इस तरह के संवैधानिक मामलों का फैसला करने और उन्हें परिभाषित करने की शक्ति है।

दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने केन्द्र शासित प्रदेश के रूप में दिल्ली की शक्तियों से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों का जिक्र किया। इंदिरा ने कहा, ‘‘दिल्ली में निर्वाचित और जिम्मेदार सरकार है और इस मामले में इस अदालत का फैसला लागू होता है कि उपराज्यपाल को मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद की मदद और सलाह से प्रशासन चलाना है।’’ उन्होंने कहा कि यह विवाद सिर्फ उच्चतम न्यायालय में ही निबटाया जा सकता है।

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