नई दिल्ली वायरल हेपेटाइटिस के लिए सरकार आने वाले दिनों में एंटीवायरल ड्रग्स को आवश्यक ड्रग्स में शामिल कर सकती है, ताकि यह दवा आम लोगों को फ्री में उपलब्ध कराया जा सके। केंद्र सरकार के हेल्थ सेक्रेटरी सी. के. मिश्रा ने कहा कि हेपेटाइटिस से निपटने के लिए हमें नैशनल प्रोग्राम बनाने की जरूरत है।
आने वाले छह से बारह महीने में केंद्र सरकार नैशनल एक्शन प्लान ऑन वायरल हेपेटाइटिस लेकर आने वाली है। इंस्टिटयूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसेज में आयोजित तीसरे नैशनल टेक्निकल कंसलटेशन मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा कि देश में आज 6 करोड़ मरीज हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित हैं। आईएलबीएस के चीफ डॉ. एस. के. सरीन ने कहा कि पिछले दिनों हेपेटाइटिस सी की अचूक दवा आई है, जो देश में भी उपलब्ध है।
इस दवा के इस्तेमाल से इस वायरस को रोका जा सकता है। अभी इसका तीन महीने का इलाज होता है, जिस पर 50 हजार रुपये तक का खर्च आता है। अगर दवा फ्री हो जाती है तो गरीबों के लिए इलाज काफी आसान हो जाएगा। पहले इस बीमारी की कोई दवा नहीं थी। जो दवा थी, वह काफी महंगी होती थी और लाखों रुपये खर्च होते थे। लेकिन अब 50 हजार में पूरा इलाज हो जा रहा है। देश को साल 2020 तक हेपेटाइटिस सी से फ्री करने का लक्ष्य रखा गया है।
आने वाले छह से बारह महीने में केंद्र सरकार नैशनल एक्शन प्लान ऑन वायरल हेपेटाइटिस लेकर आने वाली है। इंस्टिटयूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसेज में आयोजित तीसरे नैशनल टेक्निकल कंसलटेशन मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा कि देश में आज 6 करोड़ मरीज हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित हैं। आईएलबीएस के चीफ डॉ. एस. के. सरीन ने कहा कि पिछले दिनों हेपेटाइटिस सी की अचूक दवा आई है, जो देश में भी उपलब्ध है।
इस दवा के इस्तेमाल से इस वायरस को रोका जा सकता है। अभी इसका तीन महीने का इलाज होता है, जिस पर 50 हजार रुपये तक का खर्च आता है। अगर दवा फ्री हो जाती है तो गरीबों के लिए इलाज काफी आसान हो जाएगा। पहले इस बीमारी की कोई दवा नहीं थी। जो दवा थी, वह काफी महंगी होती थी और लाखों रुपये खर्च होते थे। लेकिन अब 50 हजार में पूरा इलाज हो जा रहा है। देश को साल 2020 तक हेपेटाइटिस सी से फ्री करने का लक्ष्य रखा गया है।
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