Tuesday, July 5, 2016

कभी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया का चुनाव चिन्ह था हाथी, अब बसपा से हाथी छीनने की बारी: अठावले

मोदी सरकार में मंत्री के तौर पर शामिल किए जाने के बाद आरपीआई प्रमुख रामदास अठावले ने मंगलवार (5 जुलाई) को बसपा प्रमुख मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि वह भाजपा के समर्थन से बसपा से ‘‘हाथी छीनने’’ की कोशिश करेंगे। हाथी बसपा का चुनाव चिह्न है। महाराष्ट्र के नेता ने कहा, ‘‘हाथी रिपब्लिकन पार्टी आॅफ इंडिया का चिह्न था।

बहरहाल, आरपीआई में विभाजन और बसपा के उदय के साथ इसे बाद में मायावती की पार्टी को दे दिया गया । अब हम इसे वापस लेने की कोशिश करेंगे । हम हाथी छीन लेंगे ।’’
अठावले ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता वाली पहली कैबिनेट में मंत्री रहे भीमराव अंबेडकर के बाद आरपीआई के विचारों का कोई प्रतिनिधि केंद्रीय मंत्रिपरिषद का हिस्सा बना है।

उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में बसपा का आधार रहा दलित वोट बैंक धीरे-धीरे खिसक रहा है और यह 2014 के लोकसभा चुनावों के नतीजों से साफ हो चुका है । उन्होंने कहा कि आरपीआई इस स्थिति का फायदा उठाना चाहती है। उन्होंने दावा किया, ‘‘लोकसभा चुनावों में भाजपा और इसके सहयोगियों को उत्तर प्रदेश में 73 सीटें मिलीं जबकि बसपा को एक भी सीट नहीं मिली । इसका मतलब है कि दलित वोटों का आधार भाजपा की तरफ चला गया है ।

यदि भाजपा, अपना दल और आरपीआई एक साथ आते हैं तो बसपा के वोट बैंक पर इसका खासा असर पड़ेगा।’’ अठावले ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में 20-25 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है और वह बसपा के बागियों एवं पार्टी छोड़कर निकले कुछ वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में है ।

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