आम आदमी पार्टी (आप) से निकाले गए बागी नेताओं का संगठन स्वराज अभियान अब राजनीति के मैदान में कदम रखने वाला है। रविवार को शुरू हुए संगठन के पहले राष्ट्रीय अधिवेशन में राजनीतिक दल बनाए जाने का एलान किया गया। प्रो आनंद कुमार स्वराज अभियान के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए हैं।
संगठन ने 2 अक्तूबर तक राजनीतिक दल बनाने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए अजीत झा की अगुआई में एक छह सदस्यीय समिति भी बनाई है। पार्टी के नाम की घोषणा गांधी जयंती के मौके पर की जाएगी। संगठन ने दावा किया कि पार्टी में लोकतंत्र, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। पार्टी बनने के बाद भी स्वराज अभियान कायम रहेगा और इसके बैनर तले जन आंदोलन चलते रहेंगे। स्वराज अभियान के पहले राष्ट्रीय अधिवेशन में राजनीतिक दल निर्माण की घोषणा के साथ देश में वैकल्पिक राजनीति की स्थापना के लिए आवाज बुलंद की गई।
राष्ट्रीय प्रतिनिधियों के सम्मेलन में ‘राजनीतिक दल निर्माण के प्रस्ताव’ पर गहन विचार-विमर्श हुआ। प्रतिनिधियों के बीच सामूहिक चर्चा हुई, जिसके बाद प्रस्ताव पर सदस्यों की ओर से विधिवत वोटिंग भी हुई। प्रतिनिधि सम्मेलन में मीडिया की मौजूदगी में नतीजों की घोषणा हुई, जिसमें 92.5 फीसद के बहुमत ने राजनीतिक दल के प्रस्ताव पर मुहर लगाई। राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की ओर से कुल 433 वोट पड़े, जिसमें 405 लोग प्रस्ताव से सहमत, 26 असहमत और दो वोट अमान्य पाए गए। राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की सहमति के बाद स्वराज अभियान ने राजनीति की राह पर आगे बढ़ने का फैसला किया।
स्वराज अभियान ने संकल्प लिया है कि दो अक्तूबर तक राजनीतिक दल का निर्माण कर लिया जाएगा। स्वराज अभियान के गठन के समय तीन मुख्य मापदंड तय किए गए थे। पहला, लोकतांत्रिक ढंग से संगठन का निर्माण। दूसरा, देश के गंभीर मुद्दों पर जन आंदोलन चलाना और तीसरा, पारदर्शिता व जवाबदेही को सुनिश्चित करना। प्रो कुमार ने कहा कि स्वराज अभियान शुरू से आंतरिक लोकतंत्र, पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर प्रतिबद्ध रहा है। आंतरिक लोकतंत्र सुनिश्चित करने के लिए 100 से ज्यादा जिलों में व कम से कम छह राज्यों में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पूरी करनी थी। अब तक 114 जिलों व सात राज्यों में आंतरिक चुनाव के जरिए संगठन निर्माण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्वराज अभियान ने स्वेच्छा से खुद को सूचना के अधिकार के तहत रखा है और जन सूचना अधिकारी भी नियुक्त किया है। संगठन में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तीन सदस्यीय लोकपाल नियुक्त किया गया है। प्रतिनिधि सम्मेलन में प्रशांत भूषण ने स्वराज अभियान के लोकपाल के तौर पर कामिनी जयसवाल, सुमित चक्रवर्ती और नूर मोहम्मद का परिचय कराया। संगठन में शिकायत निवारण समितियां भी बनाई गई हैं। अधिवेशन को संबोधित करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि हमारे लिए पार्टी बनाने का मतलब है कि देश में सच्चाई और ईमानदारी की ऊर्जा जहां कहीं भी है, उसे जोड़ना। हम सच्चाई और ईमानदारी की ऊर्जा को संगठित करके वैकल्पिक राजनीति की एक मिसाल पेश करेंगे।
अभियान के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों की बैठक के पहले सत्र में संगठन के अध्यक्ष प्रो आनंद कुमार ने नवनिर्वाचित राष्ट्रीय कार्यकारिणी का परिचय कराया और अगले सत्र में स्वराज अभियान के दृष्टि पत्र स्वराज दर्शन का विमोचन किया गया। इसके बाद स्वराज अभियान की सभी आतंरिक समितियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसके तहत पिछले 16 महीनों में चलाए गए जय किसान आंदोलन, शिक्षा स्वराज अभियान व अमन कमेटी के तहत किए गए कार्यक्रमों की रिपोर्ट भी संगठन के सामने पेश की गई। स्वराज अभियान ने देश का ऐसा पहला राजनितिक-सामाजिक संगठन होने का दावा किया है, जिसने इतने बड़े पैमाने पर आतंरिक संगठनात्मक चुनाव संपन्न कराए हैं।
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