नई दिल्ली
नवजोत सिंह सिद्धू अगस्त के दूसरे हफ्ते में आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो सकते हैं। पूर्व क्रिकेटर ने आरोप लगाया था कि BJP ने उनसे 'निजी स्वार्थों' के कारण पंजाब से दूर रहने को कहा था।
माना जा रहा है कि अगले साल पंजाब में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में सिद्धू AAP के स्टार प्रचारक की भूमिका निभाते हुए पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। मालूम हो कि पंजाब की BJP और अकाली दल की गठबंधन सरकार को AAP कड़ी चुनौती दे रही है। अब पार्टी को उम्मीद है कि सिद्धू की लोकप्रियता के कारण इस चुनाव में उसका प्रदर्शन बेहतर होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सिद्धू द्वारा राज्यसभा छोड़ने के फैसले को साहसिक फैसला बताते हुए उन्हें एक अच्छा इंसान बताया था। हालांकि सिद्धू की ओर से अभी भविष्य की भूमिकाओं को लेकर कोई संकेत नहीं दिया गया है।
इससे पहले सिद्धू ने मीडिया के साथ बात करते हुए AAP में शामिल होने के सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया था। उन्होंने कहा था कि वह पंजाब के हितों को ध्यान में रखकर ही कोई फैसला लेंगे। मालूम हो कि प्रदेश में सत्तारूढ़ अकाली दल के साथ सिद्धू के रिश्ते अच्छे नहीं थे। अकाली दल ने सिद्धू पर मौकापरस्त होने का आरोप लगाते हुए उन्हें 'भगोड़ा' तक कह दिया था। अकाली दल ने सिद्धू द्वारा BJP छोड़ने के बाद आक्रामक अंदाज में कहा कि उनके जैसे नेताओं की पंजाब राजनीति में कोई जगह नहीं है।
नवजोत सिंह सिद्धू अगस्त के दूसरे हफ्ते में आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो सकते हैं। पूर्व क्रिकेटर ने आरोप लगाया था कि BJP ने उनसे 'निजी स्वार्थों' के कारण पंजाब से दूर रहने को कहा था।
माना जा रहा है कि अगले साल पंजाब में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में सिद्धू AAP के स्टार प्रचारक की भूमिका निभाते हुए पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। मालूम हो कि पंजाब की BJP और अकाली दल की गठबंधन सरकार को AAP कड़ी चुनौती दे रही है। अब पार्टी को उम्मीद है कि सिद्धू की लोकप्रियता के कारण इस चुनाव में उसका प्रदर्शन बेहतर होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सिद्धू द्वारा राज्यसभा छोड़ने के फैसले को साहसिक फैसला बताते हुए उन्हें एक अच्छा इंसान बताया था। हालांकि सिद्धू की ओर से अभी भविष्य की भूमिकाओं को लेकर कोई संकेत नहीं दिया गया है।
इससे पहले सिद्धू ने मीडिया के साथ बात करते हुए AAP में शामिल होने के सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया था। उन्होंने कहा था कि वह पंजाब के हितों को ध्यान में रखकर ही कोई फैसला लेंगे। मालूम हो कि प्रदेश में सत्तारूढ़ अकाली दल के साथ सिद्धू के रिश्ते अच्छे नहीं थे। अकाली दल ने सिद्धू पर मौकापरस्त होने का आरोप लगाते हुए उन्हें 'भगोड़ा' तक कह दिया था। अकाली दल ने सिद्धू द्वारा BJP छोड़ने के बाद आक्रामक अंदाज में कहा कि उनके जैसे नेताओं की पंजाब राजनीति में कोई जगह नहीं है।
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