नई दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल अपने ऑफिस पर सीबीआई की छापेमारी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कायर और खतरनाक पागल तक कह दिया था। आमतौर पर काफी तीखी प्रतिक्रिया देने वाले सीएम इस बार अपने प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार की गिरफ्तारी पर बिलकुल खामोश रहे। इस बार मोर्चा उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संभाला।
राजेंद्र की गिरफ्तारी के वक्त केजरीवाल पंजाब में थे और वह सोशल मीडिया पर ऐक्टिव भी थे लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर कोई ट्वीट नहीं किया। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि केजरीवाल की चुप्पी का मतलब यह नहीं कि वह अपने इस करीबी अधिकारी के साथ खड़े नहीं हैं।
अधिकारियों का कहना है कि राजेंद्र को मिलने वाले समर्थन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया ने 3 प्रेस कॉन्फ्रेंस किए और केंद्र पर हिटलरशाही का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार घटिया हरकत पर उतर आई है और केजरीवाल की सरकार को अस्थिर करना चाहती है।
उन्होंने कहा, 'जिस तरह से एक ही दिन में 11 वरिष्ठ अधिकारियों का दिल्ली से ट्रांसफर किया गया और अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है, उससे साफ है कि केंद्र हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। जिन राज्यों में जरूरत नहीं है, वहां भी दिल्ली के सबसे अच्छे अधिकारियों को ट्रांसफर करके भेजा जा रहा है।'
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल अपने ऑफिस पर सीबीआई की छापेमारी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कायर और खतरनाक पागल तक कह दिया था। आमतौर पर काफी तीखी प्रतिक्रिया देने वाले सीएम इस बार अपने प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार की गिरफ्तारी पर बिलकुल खामोश रहे। इस बार मोर्चा उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संभाला।
राजेंद्र की गिरफ्तारी के वक्त केजरीवाल पंजाब में थे और वह सोशल मीडिया पर ऐक्टिव भी थे लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर कोई ट्वीट नहीं किया। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि केजरीवाल की चुप्पी का मतलब यह नहीं कि वह अपने इस करीबी अधिकारी के साथ खड़े नहीं हैं।
अधिकारियों का कहना है कि राजेंद्र को मिलने वाले समर्थन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया ने 3 प्रेस कॉन्फ्रेंस किए और केंद्र पर हिटलरशाही का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार घटिया हरकत पर उतर आई है और केजरीवाल की सरकार को अस्थिर करना चाहती है।
उन्होंने कहा, 'जिस तरह से एक ही दिन में 11 वरिष्ठ अधिकारियों का दिल्ली से ट्रांसफर किया गया और अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है, उससे साफ है कि केंद्र हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। जिन राज्यों में जरूरत नहीं है, वहां भी दिल्ली के सबसे अच्छे अधिकारियों को ट्रांसफर करके भेजा जा रहा है।'
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