नई दिल्ली
सरकारी अस्पतालों में भी 'डॉक्टर ऑन कॉल' बुलाने की प्लानिंग की जा रही है। दिल्ली सरकार प्राइवेट अस्पतालों की तर्ज पर डॉक्टरों की पूलिंग कर सकती है। इसके तहत एक हॉस्पिटल में जरूरत होने पर दूसरी जगह से डॉक्टर को बुलाया जा सकेगा। रिसोर्सेज का मिसयूज कम करने और सर्विस के बेहतर इस्तेमाल के मकसद से दिल्ली सरकार इस सिस्टम पर विचार कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में यह बात कही।
मिनिस्टर ने कहा कि दिल्ली में डाक्टरों की कोई कमी नहीं है। यहां लगभग 50 हजार डॉक्टर हैं। हालांकि कई बार स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का सही यूज नहीं हो पाता क्योंकि उनके पास कम मरीज पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले समय में 'डॉक्टर ऑन कॉल' सिस्टम लाने पर विचार कर रही है। इसके लिए दिल्ली को पांच जोन (ईस्ट, वेस्ट, नॉर्थ, साउथ और सेंट्रल) में डिवाइड किया जाएगा। जोन बेस्ड डॉक्टरों को किसी अस्पताल में जरूरत होने पर 'ऑन कॉल' भेजा जा सकेगा।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि उन्हें रिव्यू के दौरान पता चला कि कुछ ऑर्थोपेडिक सर्जन ने पूरे साल में कोई सर्जरी नहीं की है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह रिसोर्स वेस्टेज नहीं तो और क्या है? इसी वेस्टेज को कम करने के लिए ऐसी प्लानिंग की जा रही है। इस सिस्टम के साथ मदर एंड चाइल्ड और इमजरेंसी की सुविधा अलग होगी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अगर सुपर स्पेशलिस्ट सर्विस की जरूरत होगी, तो यह सर्विस प्राइवेट अस्पताल से भी ले सकते हैं और इसके बदले उन्हें पेमेंट की जाएगी।
पीपीपी मॉडल से इंस्ट्रूमेंट : मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए दिल्ली सरकार पीपीपी मॉडल के तहत एमआरआई और सीटी स्कैन इंस्ट्रूमेंट्स लाने जा रही है। हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि अभी 5 एमआरआई और 10 सीटी स्कैन मशीनें खरीदने की योजना है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर प्राइवेट हॉस्पिटल वाले ऐसे सेंटर चलाते हैं, लेकिन यह छोटे लेवल पर होता है। सरकार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर यह सुविधा शुरू करेगी। दिल्ली सरकार के डीडीयू, जीटीबी, आंबेडकर सहित पांच बड़े अस्पतालों में एमआरआई मशीन लगाएगी। इसी तर्ज पर सरकार किडनी मरीजों को डायलेसिस की सुविधा भी देगी। हेडगेवार अस्पताल में डायलेसिस की सुविधा शुरू कर दी गई है।
सरकारी अस्पतालों में भी 'डॉक्टर ऑन कॉल' बुलाने की प्लानिंग की जा रही है। दिल्ली सरकार प्राइवेट अस्पतालों की तर्ज पर डॉक्टरों की पूलिंग कर सकती है। इसके तहत एक हॉस्पिटल में जरूरत होने पर दूसरी जगह से डॉक्टर को बुलाया जा सकेगा। रिसोर्सेज का मिसयूज कम करने और सर्विस के बेहतर इस्तेमाल के मकसद से दिल्ली सरकार इस सिस्टम पर विचार कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में यह बात कही।
मिनिस्टर ने कहा कि दिल्ली में डाक्टरों की कोई कमी नहीं है। यहां लगभग 50 हजार डॉक्टर हैं। हालांकि कई बार स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का सही यूज नहीं हो पाता क्योंकि उनके पास कम मरीज पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले समय में 'डॉक्टर ऑन कॉल' सिस्टम लाने पर विचार कर रही है। इसके लिए दिल्ली को पांच जोन (ईस्ट, वेस्ट, नॉर्थ, साउथ और सेंट्रल) में डिवाइड किया जाएगा। जोन बेस्ड डॉक्टरों को किसी अस्पताल में जरूरत होने पर 'ऑन कॉल' भेजा जा सकेगा।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि उन्हें रिव्यू के दौरान पता चला कि कुछ ऑर्थोपेडिक सर्जन ने पूरे साल में कोई सर्जरी नहीं की है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह रिसोर्स वेस्टेज नहीं तो और क्या है? इसी वेस्टेज को कम करने के लिए ऐसी प्लानिंग की जा रही है। इस सिस्टम के साथ मदर एंड चाइल्ड और इमजरेंसी की सुविधा अलग होगी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अगर सुपर स्पेशलिस्ट सर्विस की जरूरत होगी, तो यह सर्विस प्राइवेट अस्पताल से भी ले सकते हैं और इसके बदले उन्हें पेमेंट की जाएगी।
पीपीपी मॉडल से इंस्ट्रूमेंट : मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए दिल्ली सरकार पीपीपी मॉडल के तहत एमआरआई और सीटी स्कैन इंस्ट्रूमेंट्स लाने जा रही है। हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि अभी 5 एमआरआई और 10 सीटी स्कैन मशीनें खरीदने की योजना है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर प्राइवेट हॉस्पिटल वाले ऐसे सेंटर चलाते हैं, लेकिन यह छोटे लेवल पर होता है। सरकार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर यह सुविधा शुरू करेगी। दिल्ली सरकार के डीडीयू, जीटीबी, आंबेडकर सहित पांच बड़े अस्पतालों में एमआरआई मशीन लगाएगी। इसी तर्ज पर सरकार किडनी मरीजों को डायलेसिस की सुविधा भी देगी। हेडगेवार अस्पताल में डायलेसिस की सुविधा शुरू कर दी गई है।
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