Thursday, June 30, 2016

दिल्लीवालों ने छुड़ाए बिजली कंपनियों के पसीने

राजधानी में अत्यधिक गर्मी व उमस के कारण बिजली की मांग अभी तक सर्वाधिक रेकार्ड 6260 मेगावाट दर्ज की गई। दिल्ली ट्रांसको ने लोगों से बिजली का उपयोग विवेकपूर्ण तरीक से करने और बिजली की कम मांग के समय लोड को परिवर्तित करने की अपील की है। बीआरपीएल व बीवाईपीएल की ओर से बकाया राशि का भुगतान न करने से ट्रांसको के नियमित मरम्मत व परिचालन कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

दिल्ली में गुरुवार दोपहर बाद 3.29 पर दिल्ली की अधिकतम मांग 6260 मेगावाट दर्ज की गई। यह अभी तक की सर्वाधिक मांग है। इससे पहले अधिकतम मांग 20 मई को 6188 मेगावाट रिकार्ड की गई थी जबकि उससे पहले की गर्मियों तक अधिकतम मांग 5925 मेगावाट 2014 में दर्ज की गई थी।

गर्मी और उमस इसी तरह बढ़ती रही तो इस बार अधिकतम मांग 6500 मेगावाट तक पहुंच सकती है। बढ़ती मांग की आपूर्ति करने के लिए डीटीएल अपने ढांचे को मजबूत कर रही है और मौजूदा ढांचे के आधार पर ही 9000 मेगावाट तक की पूर्ति कर सकती है।

हालांकि रिलायंस के स्वामित्व की विद्युत वितरण कंपनियों बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड व बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड की ओर से देय राशि का भुगतान नहीं किए जाने के कारण दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड को अपने नेटवर्क के विस्तार व इसके दैनिक रखरखाव में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन दोनों कंपनियों पर लगभग 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ये कंपनियां ट्रांसको को देय राशि का भुगतान नहीं कर रही है।


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