एनटीसीए ने उत्तराखंड के कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान में प्रस्तावित बाघ सफारी परियोजना को मंजूरी नहीं दी है और राज्य सरकार से कहा है कि वह पहले वन्यजीव मानकों का अनुपालन करे। उसने केंद्र सरकार के मध्य प्रदेश के पेंच राष्ट्रीय उद्यान में नियमों के कथित उल्लंघनों का हवाला देते हुए बाघ सफारी परियोजना पर रोक लगाने के निर्णय का हवाला दिया है।
उत्तराखंड वन विभाग ने पिछले साल अगस्त में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से इस प्रसिद्ध पार्क के भीतर बाघ सफारी शुरू करने के बारे में अनुमति मांगी थी। यह प्राधिकरण पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के तहत एक सांविधिक निकाय है। एनटीसीए ने उत्तराखंड सरकार से कहा है कि वह केंद्रीय प्राणी उद्यान प्राधिकरण से मंजूरी ले।
एनटीसीए के राज्य को भेजे गए पत्र कहा गया कि यह भी गौर किया जाना चाहिए कि क्या यह प्रस्ताव कार्बेट आरक्षित क्षेत्र द्वारा तैयार बाघ आरक्षण योजना के अनुरूप है कि नहीं। इस पत्र की प्रति वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे के पूछे गए आरटीआइ प्रश्न के जवाब में मिली है।
पेच राष्ट्रीय उद्यान में सफारी के मुद्दे पर एनटीसीए ने कहा कि इससे बाघों के शिकार की आशंका बढ़ती है। इसमें कहा गया कि मध्य प्रदेश वन विभाग ने वहां बाघ सफारी बनाने से पहले पूर्व अनुमति नहीं ली।
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