नई दिल्ली
दिल्ली में कोरोना वायरस के कारण 31 अक्टूबर तक बंद किए गए स्कूलों के नवंबर में भी खुलने के आसार नहीं बन रहे हैं। कोरोना के बाद अब राजधानी में प्रदूषण बढ़ने के कारण स्कूल एक महीने और बंद रह सकते हैं।
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पिछले हफ्ते इशारा किया था कि स्कूल जल्द खुलने की अभी कोई उम्मीद नहीं है। दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक राजधानी के प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को कोरोना के बाद अब प्रदूषण के कारण 1 महीने बंद रखने का फैसला किया जा सकता है। सरकार की ओर से इसका औपचारिक ऐलान अगले एक दो दिन में किया जा सकता है।
दिल्ली और एनसीआर पर कोरोना के साथ जहरीली हवा की दोहरी मार है। पिछले कुछ हफ्तों से राजधानी की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। इसके साथ ही कोरोना के मामलों में भी उछाल आया है।
लगातार बेहद खराब स्थिति की हवा में सांस लेते-लेते अब लोगों के स्वास्थ्य पर उसका असर साफ नजर आने लगा है। लोगों में चिडचिड़ाहट, सिरदर्द, आंखों में जलन जैसी शिकायतें तो बढ़ ही रही हैं। अस्थमा रोगी अब काफी परेशान होने लगे हैं और उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत महसूस होने लगी है।
रविवार को भी दिल्ली में काला स्मॉग छाया रहा जिसकी वजह से विजिबिलिटी काफी कम रही। एक्यूआई दोपहर 1 बजे 344 था लेकिन 1 बजे के बाद इसमें बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार राजधानी का एयर इंडेक्स रविवार को 353 दर्ज हुआ है। यह बेहद खराब स्थिति में हैं। बहादुरगढ़ में यह 363, बल्लभगढ़ में 337, भिवाड़ी में 331, बुलंदशहर में 379, फरीदाबाद 323, गाजियाबाद 365, ग्रेटर नोएडा 384, गुरुग्राम 258 और नोएडा का 376 रहा।
हवा चलने के बावजूद पराली के प्रदूषण में रविवार की तुलना में कुछ खास कमी नहीं आई है। रविवार को पराली ने राजधानी को 19 प्रतिशत प्रदूषित किया था वहीं सोमवार को पराली प्रदूषण 16 प्रतिशत रहा। सफर के अनुसार बीते रविवार को पराली जलाने की 1275 घटनाएं सामने आई हैं। प्रदूषण के स्तर में अगले दो दिनों तक मामूली सुधार जरूर होगा लेकिन यह लगातार बेहद खराब स्थिति में ही बना रहेगा। मंगलवार से हवाएं कुछ रफ्तार पकड़ेंगी लेकिन इनका असर बहुत अधिक देर तक नहीं रहेगा। इसलिए यह आंशिक राहत हो सकती है।
दिल्ली में कोरोना वायरस के कारण 31 अक्टूबर तक बंद किए गए स्कूलों के नवंबर में भी खुलने के आसार नहीं बन रहे हैं। कोरोना के बाद अब राजधानी में प्रदूषण बढ़ने के कारण स्कूल एक महीने और बंद रह सकते हैं।
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पिछले हफ्ते इशारा किया था कि स्कूल जल्द खुलने की अभी कोई उम्मीद नहीं है। दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक राजधानी के प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को कोरोना के बाद अब प्रदूषण के कारण 1 महीने बंद रखने का फैसला किया जा सकता है। सरकार की ओर से इसका औपचारिक ऐलान अगले एक दो दिन में किया जा सकता है।
दिल्ली और एनसीआर पर कोरोना के साथ जहरीली हवा की दोहरी मार है। पिछले कुछ हफ्तों से राजधानी की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। इसके साथ ही कोरोना के मामलों में भी उछाल आया है।
लगातार बेहद खराब स्थिति की हवा में सांस लेते-लेते अब लोगों के स्वास्थ्य पर उसका असर साफ नजर आने लगा है। लोगों में चिडचिड़ाहट, सिरदर्द, आंखों में जलन जैसी शिकायतें तो बढ़ ही रही हैं। अस्थमा रोगी अब काफी परेशान होने लगे हैं और उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत महसूस होने लगी है।
रविवार को भी दिल्ली में काला स्मॉग छाया रहा जिसकी वजह से विजिबिलिटी काफी कम रही। एक्यूआई दोपहर 1 बजे 344 था लेकिन 1 बजे के बाद इसमें बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार राजधानी का एयर इंडेक्स रविवार को 353 दर्ज हुआ है। यह बेहद खराब स्थिति में हैं। बहादुरगढ़ में यह 363, बल्लभगढ़ में 337, भिवाड़ी में 331, बुलंदशहर में 379, फरीदाबाद 323, गाजियाबाद 365, ग्रेटर नोएडा 384, गुरुग्राम 258 और नोएडा का 376 रहा।
हवा चलने के बावजूद पराली के प्रदूषण में रविवार की तुलना में कुछ खास कमी नहीं आई है। रविवार को पराली ने राजधानी को 19 प्रतिशत प्रदूषित किया था वहीं सोमवार को पराली प्रदूषण 16 प्रतिशत रहा। सफर के अनुसार बीते रविवार को पराली जलाने की 1275 घटनाएं सामने आई हैं। प्रदूषण के स्तर में अगले दो दिनों तक मामूली सुधार जरूर होगा लेकिन यह लगातार बेहद खराब स्थिति में ही बना रहेगा। मंगलवार से हवाएं कुछ रफ्तार पकड़ेंगी लेकिन इनका असर बहुत अधिक देर तक नहीं रहेगा। इसलिए यह आंशिक राहत हो सकती है।
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