या कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की इस भित्ति चित्र की संकल्पना में भारत की सांस्कृतिक एकात्मकता, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की झलक मिलती है। उन्होंने कहा कि इस भित्ति चित्र को बनाने के मिशन में ग्रामोद्योग के अंतर्गत शिल्पकारी और उसके माध्यम से गांधी जी श्रद्धांजलि संयुक्त प्रयास का अछ्वूत नमूना है । खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि इस परियोजना के लिए देश के कोने-कोने से 150 शिल्पकारों को चुना गया, जिन्होंने अपनी स्थानीय मिट्टी से मिलकर पांच हजार कुल्लहड़ बनाए। इनमें से उपयुक्त कुल्लड़ो को इस भित्ती चित्र में इस्तेमाल किया गया और इसी से गांधी जी की चित्रकृति समाने आई है । इस चित्रकृति के नीचे मेरा जीवन ही मेरा संदेश है वाक्य लिखा गया है। यह वाक्य
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