Thursday, January 31, 2019

जानिए- 500 वर्ष से भी अधिक पुराने इस चर्चित भजन के बारे में, जिसे रोज गाते थे गांधीजी

इस महान कव‍ि का कृष्‍ण पर अटूट विश्‍वास था। इन्‍हें गुजराती साहित्‍य में वही स्‍थान मिला है जो हिंदी और बृज में महाकवि और कृष्‍ण के महान उपासक सूरदास को मिला है।
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