Monday, December 31, 2018

मौत के 10 महीने बाद मिला न्याय, 'रेपिस्ट पिता' के दाग से मुक्ति

नई दिल्ली
बेटी के रेप के आरोपों से घिरे शख्स को न्याय इतनी देर से मिला कि इसे सुनने के लिए वह दुनिया में ही न रहे। बेटी के रेप के दोषी ठहराए गए शख्स को दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी मौत के 10 महीने बाद रेप के आरोप से बरी किया है। हालांकि दुखद यह रहा कि शख्स की मौत 'रेपिस्ट पिता' के दाग के साथ हुई।

गलत फैसले के लिए ट्रायल कोर्ट पर बरसते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि यह न्याय के साथ गंभीर खिलवाड़ है। इसके साथ ही अदालत ने 1996 में बेटी की ओर से लगाए गए रेप के आरोप से शख्स को बरी कर दिया। व्यक्ति को 10 साल जेल में गुजारने में पड़े और 22 तक इस कलंक के साथ जीना पड़ा कि उसने अपनी बेटी का रेप किया है। इसी साल फरवरी में उनकी मौत हो गई थी।

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी के साथ पहले दिन से ही गलत हुआ। व्यक्ति ने दावा किया था एक युवक ने उसकी बेटी को अगवा किया था और उसके साथ संबंध बनाए। इसके चलते वह प्रेगनेंट भी हो गई थी। लेकिन इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और ट्रायल कोर्ट ने उसके इन दावों को नजरअंदाज कर दिया। आरोपी पिता ने बेटी के गर्भ में पल रहे भ्रूण का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की थी, लेकिन ऐसा नहीं किया। यदि ऐसा होता तो पूरा मामला उसी वक्त साफ हो जाता।

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