Sunday, January 28, 2018

शीला ने कहा, मतदाताओं का सामना करे AAP

नई दिल्ली
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने आम आदमी पार्टी ( AAP) के 20 विधायकों के अयोग्य करार दिए जाने के बाद उसे मतदाताओं का सामना करने की चुनौती दी है।उन्होंने साथ ही आरोप लगाए कि AAP चुनाव से बचने की कोशिश कर रही है। उन्होंने साथ ही दावा किया कि उपचुनाव होने पर कांग्रेस को फायदा होगा क्योंकि केजरीवाल सरकार में विश्वसनीयता का अभाव है।

शीला ने एक इंटरव्यू में कहा, 'बेशक, वे (AAP) चुनाव से बचने की कोशिश कर रहे हैं। यदि वे 20 सीटें जीतने के लिए आश्वस्त हैं तो उन्होंने यह सब ( अयोग्यता को चुनौती देना) नहीं किया होता। आखिरकार, राष्ट्रपति ने इस पर (अयोग्यता पर) हस्ताक्षर किया है।' उल्लेखनीय है कि 'लाभ का पद' रखने के कारण चुनाव आयोग ने AAP के 20 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने की राष्ट्रपति से सिफारिश की थी, जिसपर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी थी। अब मामला दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा है।

इधर, शीला ने कहा कि क्या AAP को लगता है कि वह कानून तोड़ सकती है और इससे बच निकल सकती है, तो यह भ्रम में है। कांग्रेस की 79 वर्षीय नेता ने कहा कि राष्ट्रपति ने विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने को मंजूरी दी इसलिए यह AAP पर निर्भर करता है कि वह उपचुनाव का सामना करे। जब आप इस तरह की कुछ चीज करते हैं, आपको इसके परिणामों के बारे में भी विचार करना चाहिए।

1998 से 2013 के बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला ने कहा कि AAP को निशाना नहीं बनाया जा रहा, बल्कि उसने जो किया है उसके लिए उसे दंडित किया जा रहा। उन्होंने कहा कि उपचुनाव AAP सरकार के कामकाज पर एक जनमत संग्रह होगा और वह इन सीटों को जीतने में सक्षम नहीं होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या उपचुनाव से कांग्रेस को दिल्ली में फिर से अपनी पकड़ मजबूत बनाने में मदद मिलेगी? इस पर तीन बार मुख्यमंत्री रही शीला ने कहा, 'हां, मैं मुझे निश्चित तौर पर ऐसा लगता है और मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि जब यह होगा तब हम निश्चित तौर पर अपनी स्थिति बेहतर बनाएंगे।'

उल्लेखनीय है कि 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया था। शीला ने कहा कि 2015 की तुलना में कांग्रेस अभी बेहतर स्थिति में है क्योंकि लोगों ने केजरीवाल सरकार को भी देख लिया है। उन्होंने कहा, ' कुछ नहीं हो रहा। यहां तक कि सड़कों की भी मरम्मत नहीं हो रही। कोई नहीं जानता कि स्कूलों में क्या हो रहा। पहले से मौजूद उन इमारतों को ऐसे दिखाया जा रहा, जैसे कि उन्होंने ही इन्हें बनाया हो। सरकार में विश्वसनीयता का अभाव है।' उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस एक समन्वित रणनीति के साथ उपचुनाव में उतरती है तो कुछ सीटें जीतने का यह एक अच्छा मौका होगा। उन्होंने कहा कि यदि उपचुनाव होता है तो वह उनमें लड़ने को इच्छुक नहीं हैं लेकिन यदि पार्टी ने चाहा तो वह प्रचार करेंगी।

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