
एओएल का कहना था कि 2000-2015 के दौरान की गूगल की अनेक सेटेलाइट तस्वीरें उपलब्ध हैं, लेकिन समिति ने केवल उस तस्वीर को आधार बनाया जो मानसून के चरम दिनों में ली गई थी।
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