नई दिल्ली
अरुण जेटली मानहानि मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक महीने के भीतर कोर्ट से दूसरा बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को केजरीवाल की एक याचिका खारिज कर दी। इसमें केजरीवाल ने मांग की थी कि 1999 और 2014 के बीच DDCA की हुई बैठकों से जुड़े दस्तावेजों को कोर्ट में पेश करने की इजाजत दी जाए। कुछ दिन पहले ही हाई कोर्ट ने निचली अदालत में चल रही आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। केजरीवाल ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि एक साथ दो मामले चलने के कारण आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।
जॉइंट रजिस्ट्रार पंकज गुप्ता ने केजरीवाल को राहत देने से इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेता बीजेपी नेता अरुण जेटली द्वारा दायर किए गए 10 करोड़ रुपये के मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहे हैं। केजरीवाल के अतिरिक्त पांच अन्य हैं राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक बाजपेयी।
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आप नेताओं ने जेटली पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, जब वह 2000 से 2013 के बीच DDCA (Delhi and District Cricket Association) के अध्यक्ष थे। इससे पहले सुनवाई के दौरान जेटली ने केजरी के ऐप्लिकेशन का यह कहकर विरोध किया था कि AAP नेता तुच्छ याचिकाएं दायर कर जानबूझकर सुनवाई में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं।
केजरीवाल ने अपनी अर्जी में कहा था कि उन्हें डीडीसीए के वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 की स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट पेश करने की इजाजत दी जाए। इसके अलावा उन्हें बाद में भी इससे जुड़े दस्तावेज पेश करने की मंजूरी मिले। उन्होंने कहा था कि उन्हें हाल ही में ये दस्तावेज हासिल हुए हैं, इसीलिए ये लिखित बयान दर्ज कराने के दौरान पेश नहीं किए जा सके।
अरुण जेटली मानहानि मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक महीने के भीतर कोर्ट से दूसरा बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को केजरीवाल की एक याचिका खारिज कर दी। इसमें केजरीवाल ने मांग की थी कि 1999 और 2014 के बीच DDCA की हुई बैठकों से जुड़े दस्तावेजों को कोर्ट में पेश करने की इजाजत दी जाए। कुछ दिन पहले ही हाई कोर्ट ने निचली अदालत में चल रही आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। केजरीवाल ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि एक साथ दो मामले चलने के कारण आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।
जॉइंट रजिस्ट्रार पंकज गुप्ता ने केजरीवाल को राहत देने से इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेता बीजेपी नेता अरुण जेटली द्वारा दायर किए गए 10 करोड़ रुपये के मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहे हैं। केजरीवाल के अतिरिक्त पांच अन्य हैं राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक बाजपेयी।
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आप नेताओं ने जेटली पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, जब वह 2000 से 2013 के बीच DDCA (Delhi and District Cricket Association) के अध्यक्ष थे। इससे पहले सुनवाई के दौरान जेटली ने केजरी के ऐप्लिकेशन का यह कहकर विरोध किया था कि AAP नेता तुच्छ याचिकाएं दायर कर जानबूझकर सुनवाई में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं।
केजरीवाल ने अपनी अर्जी में कहा था कि उन्हें डीडीसीए के वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 की स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट पेश करने की इजाजत दी जाए। इसके अलावा उन्हें बाद में भी इससे जुड़े दस्तावेज पेश करने की मंजूरी मिले। उन्होंने कहा था कि उन्हें हाल ही में ये दस्तावेज हासिल हुए हैं, इसीलिए ये लिखित बयान दर्ज कराने के दौरान पेश नहीं किए जा सके।
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