Friday, July 28, 2017

MCD अफसरों ने RTI का दिया गलत जवाब

नई दिल्ली
नॉर्थ एमसीडी ने लोगों की सहूलियत के लिए प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन ऑनलाइन करने के बाद लाखों लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ी। इसका खुलासा आरटीआई से हुआ है। सिविल लाइन जोन के कई वॉर्डों में रहने वाले लोगों से टैक्स कलेक्शन के लिए जोन में केवल दो कंप्यूटर लगाए गए। जून में टैक्स जमा कराने के अंतिम तारीख नजदीक आने पर एमसीडी का सर्वर भी डाउन हो गया, जिससे हजारों लोगों को टैक्स पर छूट की सुविधा भी नहीं मिली। इतना ही नहीं, आरटीआई के माध्यम से नॉर्थ एमसीडी अफसरों ने जो टैक्स कलेक्शन का जो डाटा उपलब्ध कराया है, उसमें भारी अंतर भी है।

12 जून तक टैक्स कलेक्शन 11.60 करोड़

नॉर्थ दिल्ली रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के प्रेजिडेंट अशोक भसीन ने सिवल लाइन जोन में टैक्स कलेक्शन की जानकारी आरटीआई के माध्यम से एमसीडी अफसरों से मांगी थी। उन्होंने जवाब मांगा था कि मैनुअल टैक्स कलेक्शन प्रोसेस बंद होने के बाद ऑनलाइन कलेक्शन शुरू होने पर कितना कलेक्शन किया गया। इसके जवाब में एमसीडी अफसरों ने कहा है कि इस साल 12 जून तक कलेक्शन 11.60 करोड़ और पिछले साल इसी समय तक कलेक्शन 15.39 करोड़ रुपये हुआ था। जवाब में अफसरों ने यह भी कहा है कि ऑनलाइन टैक्स कलेक्शन के लिए सिविल लाइन जोन में 2 कंप्यूटर लगाए गए थे।

अंतिम 3 दिनों में मैनुअल की सुविधा
भसीन की शिकायत है कि इस जोन में 32 वॉर्ड हैं और सभी वॉर्डों को मिलाकर जनसंख्या करीब 15 लाख से अधिक है। ऐसे में लोगों को टैक्स जमा कराने के लिए केवल दो कंप्यूटर लगाना पर्याप्त नहीं था। जोन के अफसरों की लापरवाही से हजारों प्रॉपर्टी ओनर्स छूट का लाभ नहीं ले सके। उनका कहना है कि टैक्स जमा कराने के लिए मारामारी बढ़ने के बाद उन्होंनें टैक्स ब्रांच के सीनियर अफसरों से शिकायत की, जिसके बाद अंतिम 3 दिनों में मैनुअल टैक्स जमा कराने की सुविधा लोगों को दी गई। उनका आरोप है कि नॉर्थ एमसीडी अफसरों ने टैक्स कलेक्शन का जो डेटा उपलब्ध कराया है, उससे वे संतुष्ट नहीं है। आरटीआई में 12 जून तक टैक्स कलेक्शन 11.60 करोड़ बताया गया है, जबकि एमसीडी के टैक्स ब्रांच अफसरों ने अब तक का जो टैक्स कलेक्शन रिपोर्ट तैयार किया है उसमें कलेक्शन 4 गुना से भी अधिक बढ़ गया है। 21 जुलाई तक अकेले सिविल लाइन जोन में टैक्स कलेक्शन 46.7 करोड़ रुपये दिखाया गया है। उनका कहना है कि आरटीआई के जवाब से संतुष्ट नहीं है और इसके खिलाफ वह हायर अथॉरिटी में अपील करेंगे।

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