
न्यायाधीश संजय शर्मा ने कहा कि दोषी ने अपने कृत्य से पिता-पुत्री के पवित्र रिश्ते को ध्वस्त कर दिया है। अगर बच्चों की रक्षा करने वाला पिता ही उन्हें पीड़ा देने लगेगा तो पृथ्वी पर ऐसी कोई जगह नहीं बचेगी जहां उन्हें पनाह दी जा सके।
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